Master plan: बड़े तालाब के 361 वर्ग किमी के कैचमेंट एरिया में 99 गांव,निर्माण पर लग सकती है रोक
भोपाल
भोपाल मास्टर प्लान भले ही अभी तक फाइलों में अटका हो लेकिन यहां से 40 किमी की दूरी पर स्थित सीहोर का मास्टर प्लान बन कर पूरी तरह से तैयार है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो भोपाल से पहले सीहोर का मास्टर प्लान जारी हो सकता है। सीहोर का मास्टर प्लान इसलिये जरूरी है कि अपर लेक का एक एरिया उसमें भी आता है।
अपर लेक के कैचमेंट एरिया में है 63 गांव
सीहोर के नए मास्टर प्लान-2035 में वेटलैंड रूल्स-2017 को शामिल किया जा रहा है। इससे बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया के सीहोर जिले के 63 गांवों में बेतरतीब निर्माण पर रोक लगेगी। यह भोपाल की 40 प्रतिशत आबादी को पानी सप्लाई करने वाले और भोपाल ही नहीं, बल्कि आसपास के पूरे इलाके के इकोलॉजी सिस्टम को भी बैलेंस करता है। बड़े तालाब के 361 वर्ग किमी के कैचमेंट एरिया में 99 गांव शामिल हैं। इनमें से 63 गांव सीहोर जिले के हैं। भोपाल जिले के गांवों को भोपाल मास्टर प्लान में और सीहोर जिले के गांवों को सीहोर मास्टर प्लान में शामिल करने का निर्णय हुआ।
भोपाल का मास्टर प्लॉन फिर अटका
भोपाल का मास्टर प्लान अभी भी शासन के समक्ष विचाराधीन है, लेकिन सीहोर के मास्टर प्लान में इन गांवों को शामिल करते हुए वेटलैंड रूल्स लागू करने की अधिसूचना जारी हो गई है। अब इस पर दावे- आपत्ति के बाद औपचारिक रूप से सीहोर का नया प्लान जारी हो जाएगा। गौर तलब है कि भोपाल के अपर लेक के कैचमेंट एरिया में होने वाले बेतरतीब निर्माण को रोकने के लिये नियम बनाए गए थे लेकिन यह अभी तक लागू नहीं हो पाए हैं। अभी इसका गजट नोटिफिकेशन जारी होना है।
मास्टर प्लान 2031 : 51 नए गांव जोड़े
भोपाल मास्टर प्लान-2031 में 51 नए गांव जोड़े जा रहे हैं। इसके साथ ही प्लानिंग एरिया 813.92 वर्ग किमी से बढ़ कर 1016.90 वर्ग किमी हो गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने बढ़े हुए प्लानिंग एरिया के मौजूदा लैंडयूज का नक्शा जारी कर इस पर 30 दिन के भीतर दावे- आपत्ति बुलाई है। इसके बाद पूरे प्लानिंग एरिया का लैंडयूज नए सिरे से तैयार किया जाएगा। मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जारी किया जाना है नए प्लान में भोपाल प्लानिंग एरिया की सीमा उत्तर दिशा में सूखी सेवनिया, पूर्व में बंगरसिया, दक्षिण में बगरोदा और पश्चिम में आमला तक होगी। प्लानिंग एरिया बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में शामिल गांवों को मास्टर प्लान में जोड़ा जा सके। इसके बाद इन गांवों के लिए डेवलपमेंट रुल्स तैयार कर उन्हें मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा।