बेमेतरा घटना के विरोध में विहिप के आह्वान पर दिखा बंद का असर
रायपुर
शनिवार को बेमेतरा जिले में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प में 21 वर्षीय युवक की मौत के बाद विश्व हिन्दू परिषद द्वारा किये गये छत्तीसगढ बंद का असर रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव में सुबह से दिखाई दिया वहीं बिलासपुर में इसका आंशिक असर रहा।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा के ग्राम बिरनपुर में दो पक्ष के बीच हुए विवाद में 21 वर्षीय युवक की मौत हो गई। सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस दस्ते पर भी पत्थरबाजी कर हल्ला बोला।जिसके बाद से प्रशासन के आला अफसर वहां पहुंचे।और स्थिति नियंत्रण में ली ।इस पूरे घटनाक्रम को लव जिहाद से जोड़कर विश्व हिन्दू परिषद ने छत्तीसगढ बंद का रविवार को एलान कर सभी व्यापारिक संस्थानों से समर्थन मांगा था।
बंद को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सुबह से ही सड़कों पर आये और दुकानें नही खुलने दी प्रदर्शनकारियों ने भाटागांव बस स्टैंड से बसों को नहीं चलने दिया और जो बसें जाने को तैयार थी उन बसों पर पत्थरबाजी कर तोडफोड की जिसके बाद पुलिस बल को बुलाया गया। सुबह 5 बजे से ही प्रदर्शनकारी बाजार बंद करवाने के लिए निकले । शहर के सभी प्रमुख बाजारो मे बडी संख्या में धमक दे रहे थे और इस दौरान जो भी दुकान खुली दिखाई दी उसे उन्होने बंद करवा दिया। स्कूल कालेज के दरवाजों पर ताला खुला ही नहीं। दोपहर तक पूरे शहर में सन्नाटा पसरा हुआ था।
शंकर नगर, मालवीय रोड, गोल बाजार जैसे इलाके में बाइक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग दुकानें बंद कराते नजर आये। दुर्ग भिलाई में 11से बजे से बंद का आह्वान किया गया था जिसके चलते सुबह पाली के सभी स्कूल खुले रहे और प्रतिष्ठान दुकानें भी अभी खुली रही। राजनांदगांव भी बंद के साये में रहा यहां सुबह से ही व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बिलासपुर में बंद का अभी असर दिखाई नहीं दिया। रोजमर्रा की तरह शहर में सभी स्कूल कॉलेज और पेट्रोल पंप खुले हैं। अधिकांश दुकानें भी खुली रही।
साजा विधानसभा के ग्राम बिरनपुर में दो पक्ष के बीच हुए झगड़े में 21 वर्षीय युवक की मौत हो गई। योगेश तिवारी, राजीव लोचन महाराज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। योगेश तिवारी ने कहा कि कृषि प्रधान बेमेतरा जिले की पहचान शांतिप्रिय और सांप्रदायिक सदभाव वाले जिले के रुप में रही है। बीते कुछ महीनों से जिस तरह से सामाजिक सौहार्द्र बिगाडने का प्रयास किया जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ लोगों द्वारा हिंसात्मक रूख अपनाया जिले में माहौल खराब करने वाला कदम है। उन्होंने आरोपियों को फांसी देने व पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की।