उज्जियनी के षडविनायक में से एक प्रसिद्ध चिंतामन गणेश के आंगन में चैत्र महोत्सव की तैयारी शुरू

उज्जैन
उज्जियनी के षडविनायक में से एक प्रसिद्ध चिंतामन गणेश के आंगन में चैत्र महोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार 27 मार्च से 17 अप्रैल तक चैत्र महोत्सव का आयोजन होगा। परंपरा अनुसार चैत्र मास की चार जत्रा लगेगी। मंदिर प्रशासन ने महामहोत्सव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इस दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त हो सकते हैं। मंदिर प्रशासक अभिषेक शर्मा ने बताया चिंतामन गणेश मंदिर में प्राचीन परंपरा अनुसार चैत्र मास के प्रत्येक बुधवार पर जत्रा अर्थात मेले का आयोजन होता है। इस बार चैत्र मास में चार बुधवार होने से चार जत्रा लगेगी। 27 मार्च को पहली, 3 अप्रैल को दूसरी, 10 अप्रैल को तीसरी तथा 17 अप्रैल को शाही जत्रा होगी।
 

प्रत्येक जत्रा पर एक लाख से अधिक भक्त भगवान के दर्शन करने मंदिर पहुंचेंगे। चैत्र मास की भीषण गर्मी में होने वाले इस आयोजन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। श्रद्धालुओं के पैर ना जले इसलिए परिसर में मेटिन बिछाई जाएगी। छांव के लिए शामियाने, शीतल पेयजल तथा बैरिकेडिंग आदि के इंतजाम होंगे। वर्तमान में मंदिर में रंगरोगन व साजसज्जा का काम चल रहा है। मंदिर परिसर को पौराणिक स्वरूप में निखारने के लिए परिसर की दीवारों पर विभिन्न धर्मप्रसंगों पर आधारित चित्र बनवाए जा रहे हैं। देशभर से आने वाले भक्त इन चित्रों के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे।
 
चिंतामन गणेश मंदिर में धर्म, कला व संस्कृति को एकाकार कर चित्रावली बनाई जा रही है। मालवी शैली में धर्मप्रसंगों का अंकन मनोहारी है। प्रथम चित्र में माता पार्वती की गोद में बाल गणेश दृश्य होते हैं। महर्षि वाल्मीकि द्वारा भगवान गणेश से रामायण की रचना का चित्र भी उत्कृष्ट है। प्रशासक शर्मा ने बताया चिंतामन गणेश में तुलादान का विशेष महत्व है। भक्त मान्यता पूरी होने पर यहां अपने बच्चों का तुलादान कराने आते हैं। इसी महत्व को प्रतिपादित करते हुए शिव-पार्वती द्वारा भगवान गणेश का तुलादान करते हुए चित्र भी बनवाया जा रहा है।

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