दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया इजरायल के साथ अपने रिश्‍ते सामान्‍य करने जा रहा

जकार्ता
 दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया यहूदी देश इजरायल के साथ पहली बार अपने रिश्‍ते सामान्‍य करने जा रहा है। इसके बदले में इजरायल अब इंडानेशिया को विकसित देशों के संगठन OECD में अपना समर्थन देगा। इससे अब इंडोनेशिया के OECD का सदस्‍य बनने का रास्‍ता साफ हो जाएगा। इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 3 महीने तक चली गोपनीय बातचीत के बाद इंडोनेशिया ने यह सहमति जताई है। एक इजरायली अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। इंडोनेशिया इजरायल को ऐसे समय पर मान्‍यता देने जा रहा है जब दुनियाभर में इजरायल को लेकर नफरत बढ़ी है और गाजा युद्ध को लेकर ईरान से लेकर पाकिस्‍तान तक मुस्लिम देश भड़के हुए हैं।

माना जा रहा है कि इंडोनेशिया को तैयार करने में OECD के महासचिव मथैस कोरमान ने भी अहम भूमिका निभाई है। कोरमान ने इससे पहले इजरायल के प्रति इंडोनेशिया के तीखे रवैये को बदलने में अहम भूमिका न‍िभाई थी। इसके बाद इजरायल इस बात पर अड़ गया था कि रिश्‍तों को पहली बार सामान्‍य किया जाए। कई सप्‍ताह तक चली बातचीत के बाद कोरमान ने इजरायल को एक पत्र‍ लिखकर बताया कि इंडोनेशिया को लेकर उन्‍होंने इंडोनेशिया को मना लिया है और समझौते पर सहमति बन गई है।

इजरायल ने इंडोनेशिया को दी मंजूरी

मंगलवार को इजरायल ने पहली बार इंडोनेशिया को गाजा में हवाई रास्‍ते से राहत सामग्री गिराने की अनुमति दे दी थी। इसे दोनों के बीच सुधरते हुए रिश्‍तों का संकेत माना गया था। इंडोनेशिया के वर्तमान राष्‍ट्रपति जोको विदोदो का इजरायल के साथ करीबी रिश्‍ता खासकर व्‍यापारिक है लेकिन वह इसे सबके सामने बताने से बचते हैं। दरअसल, इंडोनेशिया OECD का सदस्‍य बनना चाहता था लेकिन इसके लिए सभी 38 सदस्‍यों के मंजूरी की जरूरत थी। इसमें शामिल होने वाले सदस्‍य देश को सभी अन्‍य देशों के साथ रिश्‍ता भी बनाना होता है। इसमें इजरायल भी शामिल है।

इजरायल ने बिना मान्‍यता दिए इंडोनेशिय को शामिल किए जाने का विरोध किया था। इंडोनेशिया के इस कदम को हमास, ईरान और उसके समर्थकों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस बीच इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने कहा है कि हवाई हमले में मारे गए इस्माइल हानियेह के तीनों बेटे हमास की सैन्य शाखा से जुड़े थे और इजराइलियों को बंधक बनाने में शामिल थे। इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट को हवाई हमले की जानकारी नहीं थी। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, बुधवार को हुए हवाई हमले का आदेश आईडीएफ की दक्षिणी कमान के एक कर्नल ने दिया था। इस्माइल हनियेह हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख हैं और कतर में रहते हैं।

हनिएह की चार पोते-पोतियां मारे गए

गाजा शहर में अल-शती शरणार्थी शिविर के पास एक कार पर हुए इजराइली हवाई हमले में हनियेह के तीन बेटे – हेज़ल, अमीर और मोहम्मद मारे गए। हमले में हनिएह की चार पोते-पोतियां भी मारे गए। हमास के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनके बेटे और पोते-पोतियां इजराइली हवाई हमले में मारे गए हैं। आईडीएफ ने कहा कि तीनों हमास की सैन्य शाखा कासिम ब्रिगेड का हिस्सा थे। इस्माइल हानियेह ने एक बयान में कहा, 'उनकी शहादत का सम्मान देने के लिए भगवान का शुक्रिया।' इस बीच, हनियेह के सबसे बड़े बेटे अब्देल सलाम हनियेह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'भगवान का शुक्रिया, जिन्होंने मेरे भाइयों हेज़ल, अमीर और मोहम्मद की शहादत से हमें सम्मानित किया।'

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