महाराष्ट्र में तीसरे चरण के चुनाव के लिए तैयार चुनाव आयोग

महाराष्ट्र में तीसरे चरण के चुनाव के लिए तैयार चुनाव आयोग

फिर आग की चपेट में पर्यटन नगरी, 16 घंटे तक धधकते रहे नैनीताल के जंगल

कोटा मंडल में यूटीएस ऐप से टिकट बुक कराने का चलन बढ़ा

मुंबई
 महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 11 सीटों पर 07 मई को होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी सह प्रमुख सचिव एस. चोकालिंगम ने अपने बयान में कहा कि राज्य में तीसरे चरण के चुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी है। तीसरे चरण में उस्मानाबाद, लातूर, बारामती, सोलापुर, माधा, सांगली, सतारा, कोल्हापुर, हटकंगले, रायगढ़ और रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग में मतदान कराये जायेंगे। इन निर्वाचन क्षेत्रों में 05 मई की शाम को चुनाव प्रचार थम जायेगा।इन 11 सीटों के लिए 23,036 मतदान केंद्र बनाये गये हैँ जहां 2.09 करोड़ से अधिक मतदाता 258 उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे।

उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सामान्य मतदान का समय सुबह 07.00 से शाम 18.00 बजे तक निर्धारित है , हालाँकि मतदान केंद्रों को वहां मौजूद सभी मतदाताओं की मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक खुला रखा जायेगा। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसका ध्यान रखा गया है। संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सीआरपीएफ इकाइयों को तैनात किया गया है।
चोकालिंगम ने कहा कि गर्मी को देखते हुए सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या के अनुरूप पर्याप्त पेयजल, ओआरएस पैकेट उपलब्ध कराने, छायादार व्यवस्था करने और प्रतीक्षालय की सुविधा उपलब्ध कराने के जिला प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं।

 

फिर आग की चपेट में पर्यटन नगरी, 16 घंटे तक धधकते रहे नैनीताल के जंगल

नैनीताल,
नैनीताल जिले में वनाग्नि के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। धारी के मटियाल, पदमपुरी और नैनीताल के खुर्पाताल, देवीधुरा के जंगल में आग से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है।

मटियाल के गोविंद गुणवंत ने बताया कि पदमपुरी में आग से बांज, चीड़, देवदार के पेड़ जल गए। मुक्तेश्वर, रामगढ़ और धानाचूली के जंगल में लगी आग को वन विभाग और ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझा लिया। वहीं बेतालघाट के कोसी रेंज के जंगल में लगी आग शुक्रवार दोपहर बाद बारगल के जंगल में फैल गई। जंगल में लगी आग देर शाम तक नहीं बुझ पाई थी।

उधर, नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग पर खुर्पाताल क्षेत्र के जंगल में बृहस्पतिवार रात आठ बजे अराजक तत्व ने आग लगा दी। खड़ी चट्टान होने के चलते आग पर काबू पाने में वन विभाग के कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी बीच आग आवासीय क्षेत्र के करीब पहुंची तो वन विभाग को दूसरे रेंज से टीम बुलनी पड़ी। मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, वन संरक्षक दक्षिणी कुमाऊं वृत टीआर बीजू लाल भी आग बुझाने में जुटे गए। दोपहर दो बजे तक आग पर काबू पाया जा सका।
 
डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि खुर्पाताल में आग बुझाने के लिए दो रेंज की टीम को जुटी रहीं। फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के 28 प्रशिक्षुओं ने भी सहयोग किया। वहीं, भीमताल, बेतालघाट, रामगढ़, मुक्तेश्वर और धानाचूली के जंगल जलने से फैली धुंध के कारण स्थानीय लोगों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उधर, शुक्रवार शाम करीब पौने नौ बजे देवीधुरा के सैड़ीखान तोक के एक घर के पास जंगल में ग्रामीण ने आग लगा दी। देखते ही देखते आग जंगल में फैल गई। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुट गई। वन क्षेत्राधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद देर रात टीम ने आग पर काबू पा लिया। वहीं, धारी निवासी योगी वृजेशनाथ ने मुख्य सचिव और हाईकोर्ट के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर वनाग्नि की प्रभावी रोकथाम के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कोटा मंडल में यूटीएस ऐप से टिकट बुक कराने का चलन बढ़ा

कोटा
 रेलवे के कोटा मंडल में जनरल कोच से यात्रा के लिए यूटीएस ऐप से टिकट बुक कराने का चलन बढ़ा है जिसके कारण अप्रैल में 29 हजार से भी अधिक अनारक्षित टिकट बुक किये गए।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोटा मंडल के सभी स्टेशनों पर ऑनलाइन अनारक्षित रेल टिकट बुकिंग के लिए यूटीएस मोबाइल ऐप की सुविधा उपलब्ध है। रेल टिकट लेने का यह साधन रेल यात्रियों के बीच लोकप्रिय होने लगा है। रेल यात्री इस मोबाइल ऐप का उपयोग कर रहे हैं, जिससे ऐप से रेल टिकट बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई।

कोटा मंडल के स्टेशनों से यात्रा के लिए इस सत्र के केवल अप्रैल में यूटीएस मोबाइल ऐप के माध्यम से 29 हजार 248 अनारक्षित बुक किये गए टिकट पर कुल एक लाख तीन हजार 648 यात्रियों ने यात्रा की जिससे रेलवे को 27 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ।
सूत्रों के अनुसार यूटीएस मोबाइल ऐप का लाभ यह है कि तुरंत टिकट बुक करने की सुविधा मिलने से लम्बी कतार एवं समय की बचत होती है।

 

 

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