सुप्रीम कोर्ट ने 17 विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने का आदेश दिया

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने 17 विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने का आदेश दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि तत्काल 17 विदेशी नागरिकों को वापस भेज जाए, जिन्हें असम के एक डिटेंशन कैंप में रखा गया है। केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस एएस ओका ने टिप्पणी की कि जो संसाधन इन लोगों पर खर्च हो रहे हैं, वे भारत के लोगों को मिलने चाहिए। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि इन 17 लोगों के पास भारत में कोई केस दर्ज नहीं है। ऐसे में उन्हें वापस भेजने में कोई अड़चन नहीं है।

अदालत ने कहा, 'रिपोर्ट से पता चलता है कि असम में डिटेंशन सेंटर है, जिसे ट्रांजिट कैंप भी कहा जाता है। डिटेंशन सेंटर में घोषित तौर पर 17 विदेशी मौजूद हैं, जिनमें से 4 तो दो साल से यहीं हैं। हमारा मानना है कि केंद्र सरकार को तत्काल इन्हें वापस भेजने के लिए कदम उठाने चाहिए। इन लोगों के खिलाफ किसी अपराध के तहत मुकदमा भी दर्ज नहीं है। सबसे पहले उन 4 लोगों को वापस भेजना चाहिए, जो 2 साल से डिटेंशन सेंटर में हैं।' अदालत ने कहा कि इस मामले में क्या ऐक्शन लिया गया, इसकी रिपोर्ट दो महीने के अंदर सौंपी जाए।

अब इस केस की अगली सुनवाई कोर्ट ने 26 जुलाई को करने का फैसला लिया है। यह फैसला असम के डिटेंशन सेंटर्स की स्थिति को लेकर दिया गया। असम के इन डिटेंशन सेंटर्स में उन लोगों को रखा जाता है, जिनकी नागरिकता पर संदेह हो या फिर उन्हें ट्राइब्यूनल की ओर से विदेशी घोषित किया गया हो। केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस भुइयां ने यह भी पूछा कि आखिर विदेश से आए लोगों को वापस भेजने की क्या प्रक्रिया है। अदालत ने कहा, 'एक बार ट्राइब्यूनल अपना नतीजा दे देते हैं कि ये लोग विदेशी हैं तो फिर अगला कदम क्या होता है? क्या आपकी पड़ोसी देशों के साथ इसे लेकर कोई समझौता है? यदि उन्हें वापस भेजना है तो यह कैसे होगा? आप उन्हें हमेशा सेंटर में ही नहीं रख सकते।'

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button