दिव्यांग आसमा को एक दशक के बाद मिला वोटिंग का अवसर

रायपुर

निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांगजनों को भी होम वोटिंग कराया जा रहा है। उनमें मतदान करने का जब्जा भी दिख रहा है साथ ही वे आयोग की इस पहल के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। दक्षिण विधानसभा में टिकरापारा की रहवासी आसमा अशरफी आज अपनी खुशी बया नहीं कर पा रही थी, जब मतदान दल उनके घर वोट कराने पहुंचा उस समय वह बिस्तर मे थी क्योंकि उन्हे चलने फिरने में तकलीफ है।

पहले उनके पहचान पत्र तथा रजिस्टर में हस्ताक्षर इत्यादि प्रक्रिया पूर्ण की गई। उसके बाद उन्होंने मतपत्र पर अपने मनपसंद अभ्यर्थी को गुप्त रुप से चिन्हाकित किया। फिर उसे फोल्ड कर मतपेटी में डाला। इसके बाद उनके चेहरे पर संतुष्टी के भाव उमड़ पड़े। साथ ही वह गौरवान्वित हो उठी की लोकतंत्र के महत्वपूर्ण क्षण का हिस्सा बन चुकी हुं। श्रीमती आसमा अशरफी बतातीं है उन्होंने शादी से पहले कटनी में वोट करने का मौका मिला था। शादी के कुछ वर्ष के बाद बीमार होने से चलने फिरने में तकलीफी होने लगी। इसके कारण वह मतदान केन्द्र तक जाकर वोट डालने में समर्थ नही थी।

13 साल बाद जब बीएलओ मेरे घर आई और होम वोटिंग के बारे में मुझे और मेरे परिजनों को बताया तो सहर्ष सहमति प्रदान की। मैने तो इससे पहले सोचा ही नही था कि मै मतदान कर पाउंगी। आज मतदान कर वाकई मेरा सपना पूरा हुआ। इसके लिए निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देती हूं। उनकी सुपुत्री शबनम ने कहा कि यह हमारे लिए अभूर्तपूर्व खुशी का क्षण है कि मेरी माता जी को मतदान करने मिला वह भी घर में। हैप्पी, हैप्पी, हैप्पी वोटिंग।

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