रूट ‘बैजबॉल’ युग में टीम में जगह के लिए अपने स्वाभाविक खेल से दूर हो रहे है: कुक

लंदन
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक का मानना है कि कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम की 'बैजबॉल' योजना में फिट होने की बेताबी के कारण अनुभवी बल्लेबाज जो रूट भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में अपने नैसर्गिक खेल से दूर हो रहे हैं।

इंग्लैंड के बल्लेबाज पिछले कुछ समय से बहुत ही आक्रामक शैली में खेलते हैं जो उनके मुख्य कोच ब्रैंडन मैकुलम के खेलने के तरीके से जुड़ा है। 'बैज' मैकुलम का उपनाम है। कुक की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम ने 2012 में भारत में टेस्ट श्रृंखला जीती थी। इसके बाद कोई भी विदेशी टीम भारतीय सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत सकी है। कुक ने कहा कि रूट दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में हर गेंद पर प्रहार करना चाहते थे। वह 10 गेंद की 16 रन की पारी में कभी सहज नहीं दिखे।

इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन (12,472) बनाने वाले कुक ने 'टीएनटी स्पोर्ट्स' से कहा, ''वह सभी प्रारूपों में इंग्लैंड का अब तक के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक है। लेकिन वह इस 'बैजबॉल' युग की खेल की गति के साथ कभी-कभी संघर्ष करता है।'' कुक ने कहा, ''वह टीम के दूसरे खिलाड़ियों को आक्रामक शॉट खेलते हुए देखता है, जो उन खिलाड़ियों की शैली के अनुरूप है। रूट ने टेस्ट में 11,500 से ज्यादा रन बनाये है। वह शानदार हैं। बेन (स्टोक्स) और ब्रेंडन (मैकुलम) जो कर रहे हैं उसमें जगह बनाने की बेताबी में कभी-कभी वह आक्रामक और रक्षात्मक खेल का सही संतुलन नहीं बना पा रहे हैं।'' कुक चाहते हैं कि रूट अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अपनी स्वाभाविक गति से खेलें।

उन्होंने कहा, ''वह नौ गेंदों पर 16 रन पर था और वह आम तौर पर इतनी तेजी से बल्लेबाजी नहीं करते हैं। वह आम तौर पर 75 या 80 के बीच स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं। इसमें जोखम बेहद कम होता है। टेस्ट मैच में यह स्ट्राइक-रेट भी काफी अधिक है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रूट को नैसर्गिक बल्लेबाजी करते देखना पसंद है।''

 

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