उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले में एक बुजुर्ग दंपती अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित

केरल
उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले में एक बुजुर्ग दंपती अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, जो खाड़ी क्षेत्र में इजराइल के एक मालवाहक जहाज पर सवार है और वे उसकी वापसी की दुआ कर रहे हैं। उनका बेटा श्यामनाथ उन 17 भारतीयों में शामिल है, जो इजराइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज ‘एमएससी एरीज' पर सवार है जिसे शनिवार को हॉर्मुज जलडमरूमध्य के निकट ईरानी सेना ने जब्त कर लिया। श्यामनाथ के माता-पिता विश्वनाथन और श्यामला ने यहां कहा कि उन्होंने शनिवार को भी अपने बेटे से बात की थी। बाद में उन्हें शिपिंग कंपनी के मुंबई कार्यालय से एक फोन आया, जिसमें उन्हें इस दुखद घटना के बारे में बताया गया।
 
चालक दल के सदस्यों से संपर्क नहीं
विश्वनाथन ने मीडिया से कहा, ‘‘हम मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं…हमें अपने बेटी की सुरक्षा की काफी चिंता है। कंपनी प्राधिकारियों ने कहा कि वे जहाज के जब्त होने के बाद चालक दल के सदस्यों से संपर्क नहीं कर पाए हैं।'' इस जिले के वेल्लीपराम्बा से ताल्लुक रखने वाले श्यामनाथ पिछले 10 वर्ष से ‘एमएससी एरीज' में बतौर इंजीनियर काम करते रहे हैं। उनके माता-पिता ने कहा कि श्यामनाथ आखिरी बार पिछले साल अपने गृह नगर आया था। विश्वनाथन ने बताया कि श्यामनाथ के अलावा पड़ोसी पालक्काड और वायनाड जिलों के दो व्यक्ति भी चालक दल में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक चालक दल के सदस्यों में भारतीयों के अलावा, फिलीपीन, पाकिस्तान और रूस के नागरिक भी शामिल हैं।
 
केंद्र के हस्तक्षेप से जल्द मदद मिलेगी
श्यामनाथ की मां मीडिया से बात करने की कोशिश करते हुए रो पड़ी। चिंता के बीच परिवार ने उम्मीद जतायी कि केंद्र के हस्तक्षेप से उनके बेटे और उसके सहकर्मियों को जल्द ही रिहा कराने में मदद मिलेगी। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया था कि भारत ने अपने नागरिकों की सलामती और उन्हें शीघ्र मुक्त कराने के लिए राजनयिक माध्यमों से तेहरान और नयी दिल्ली, दोनों स्थानों पर ईरानी अधिकारियों के समक्ष यह विषय उठाया है। एमएससी (मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी) ने कहा कि वह चालक दल के 25 सदस्यों की सलामती और जहाज की वापसी के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है।

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