मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा प्रारम्भ करने की स्वीकृति

"मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" प्रारम्भ करने की स्वीकृति

शासकीय सेवकों को देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण का निर्णय
छतरपुर में माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर स्थल पवित्र क्षेत्र घोषित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में नगरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के साधारण और ग्रामीण मार्गों में संगठित, सुविधाजनक एवं सुरक्षित यात्री परिवहन बस सेवायें उपलब्ध कराने के लिए "मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" प्रारम्भ करने की स्वीकृति दी गई। प्रदेश में ग्रामीण एवं साधारण मार्गों का ट्रैफिक एवं मार्ग सर्व तथा बसों की फ्रीक्वेन्सी निर्धारित करते हुये एक व्यवस्थित प्लानिंग अनुसार यात्री बसों को चलाया जायेगा। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में सुगम सुरक्षित एवं विनियमित यात्री परिवहन सुविधा, निजी क्षेत्र के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है।

यात्री परिवहन सेवा की प्रारम्भ करने के लिए 101 करोड 20 लाख रुपये की अशंपूजी के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई। इसके लिए राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी के गठन की स्वीकृति भी दी गई है। वर्तमान में मध्यप्रदेश के 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन हेतु कंपनी एक्ट के तहत SPVs गठित हैं, जिसमें से 16 कार्यरत हैं। उक्त समस्त कंपनियों को 7 संभागीय कंपनियों के रूप में मर्ज किया जावेगा। उक्त सात कंपनियों के एकीकृत नियंत्रण के लिए राज्य स्तर पर कंपनीज एक्ट 2013 के तहत एक होल्डिंग कंपनी का गठन जायेगा। साथ ही त्रि-स्तरीय संरचना के तहत दायित्व निर्वहन और सात क्षेत्रीय सहायक कंपनियों में राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी के 51 प्रतिशत शेयर बहुसंख्यक आधार पर निवेश करने एवं सात सहायक कंपनियों के बोर्ड और उसके आर्टीकल ऑफ एसोसिएशन में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति, रीवा एवं ग्वालियर के लिए वर्तमान प्रचलित कंपनी को बंद करते हुए नवीन क्षेत्रीय कंपनी गठित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इन क्षेत्रीय सहायक कंपनियों का गठन, संबंधित संभागीय मुख्यालयों में स्थित सिटी बस ट्रांसपोर्ट की वर्तमान कंपनी में संशोधन कर, निर्मित करने की स्वीकृति दी गई। जिला स्तरीय यात्री परिवहन समिति के गठन की स्वीकृति भी प्रदान की गई।

म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियमों में आवश्यक संशोधन एवं वांछित प्रावधान करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। इसके लिए प्रशासकीय विभाग द्वारा पृथक से विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। सात सहायक कंपनियों की सुसंगत पूर्ववर्ती सिटी ट्रान्सपोर्ट कंपनियों द्वारा परिवहन संबंधी दायित्व के निर्वहन के लिए, जो चल-अचल संपति उपयोग में आ रही है, वे यथावत इन कपंनियों के आधिपत्य में रहेंगी। इसी प्रकार नगर-निगम, प्राधिकरण आदि द्वारा स्वयं की निधि से तैयार किये गये बस टर्मिनल, बस स्टैण्ड, बस स्टॉप आदि, होल्डिंग कंपनी के सामंजस्य से उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं यात्री सुविधा के लिए विकसित किए जाऐंगे।

वर्तमान सिटी बस कंपनियों के कार्यालय भवन का उपयोग नवीन सहायक कंपनियां यथावत करती रहेंगी। कार्यालय की ऐसी अचल सपंतियां, जो नगरीय निकाय निधि से अर्जित या निर्मित हैं, उनका मूल्यांकन पृथक से किया जाकर, राशि की प्रतिपूर्ति परिवहन विभाग ‌द्वारा की जायेगी। नवीन गठित होने वाली राज्य स्तरीय कंपनी को नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पुर्नघनत्वीकरण नीति 2022 के तहत पर्यवेक्षण एजेंसी के रूप में शामिल किया जायेगा।

"मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा" संचालन के लिए बस परिवहन अधोसंरचना के तहत पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) प्रक्रिया से उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं मापदण्डों का यात्री एवं बस ऑपरेटर के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जायेगा। बस संचालन एवं संधारण के लिए पीपीपी मोड़ प्रक्रिया से, निजी बस ऑपरेटर्स को, संगठित रूप से एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत, दक्ष आई.टी. प्लेटफार्म के माध्यम से विनियमित किया जायेगा। आई.टी. टेक्नालॉजी साल्यूशन की स्थापना करते हुए समस्त बस ऑपरेशन्स पर प्रभावी निगरानी रखी जायेगी। इसके तहत सेवा स्तर समझौता (सर्विस लेवल अग्रीमेंट) और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) पर प्रभावी नियंत्रण रखा जायेगा, जिससे बस ऑपरेशन यात्रियों के लिए सुविधाजनक एवं सुरक्षित हो सके।

होल्डिंग कंपनी द्वारा एक कुशल आई.टी. प्लेटफार्म स्थापित करते हुये उस पर नोटीफाइड रुट अनुसार निजी बस ऑपरेटर्स को अनुबंधित किया जायेगा। होल्डिंग कंपनी मुख्यतः आई.टी. प्लेटफार्म के माध्यम से यात्रियों एवं अनुबंधित ऑपरेटर्स के लिए सुविधाजनक एप एवं एमआईएस/डैशबोर्ड आदि का संचालन करेगी तथा साथ ही राज्य एवं क्षेत्रीय सहायक कंपनी की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एवं कमांड सेन्टर का संचालन सुनिश्चित करेगी। यात्रियों की लास्ट माईल कनेक्टिविटी के लिए मल्टी मोडल ट्रान्सपोर्ट उपलब्ध कराना, उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं मापदण्डों की अधोसंरचना का निर्माण कराना एवं दैनिंदिनी बस संचालन पर प्रभावी नियंत्रण भी इस नवगठित कंपनी के प्रमुख दायित्वों में रहेगा।

होल्डिंग कंपनी के दायित्व निम्नानुसार रहेंगे

(1) संभागवार सम्पूर्ण प्रदेश में साधारण मार्ग एवं ग्रामीण मार्ग में ओरिजिन एंड डेस्टिनेशन (ओ-डी) सर्वे एवं बस मार्ग का चिन्हांकन, ताकि अधिक से अधिक मार्ग ऑपरेटर्स के लिए वित्तीय रूप से साध्य हो सकें। साथ ही ऐसे मार्ग का चिन्हांकन जो वित्तीय रुप से ऑपरेटर के लिए साध्य न हों।

(2) मार्ग सर्वे के बाद बसों की फ्रिक्विंसी का निर्धारण करते हुये मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के तहत यात्री परिवहन सेवा के लिए संभागवार स्कीम तैयार करने के लिए शासन को आवश्यक सहयोग करना।

(3) शासन द्वारा मार्गों पर निविदा प्रक्रिया से चयनित अनुबंधित ऑपरेटर्स को परमिट उपलब्ध करवाना ।

(4) एक कुशल आई.टी. प्लेटफार्म, राज्य स्तरीय उपक्रम के कार्यालय एवं क्षेत्रीय कंपनी के कार्यालयों में, कंट्रोल एवं कमांड सेंटर की स्थापना करते हुये एक कुशल आई. टी. प्लेटफार्म को संचालित करना।

(5) आई.टी. टेक्नोलॉजी सॉल्युशन के माध्यम से यात्रियों के लिए ई-टिकिट, मोबाईल एप जिससे बसों की ट्रेकिंग, आक्युपेंसी तथा यात्रा प्लानिंग हो सकेगी। साथ ही यात्रियों के लिए कैशलेस, टेपऑन-टेपऑफ सुविधा, एप के माध्यम से पैसेंजर इंन्फोर्मेशन सिस्टम आदि उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही अनुबंधित ऑपरेटर्स के लिए ऑपरेटर एप, वीडियो ऑडिट साफ्टवेयर (किसी भी समय बसों में यात्रियों की संख्या हेतु) फील्ड ऑडिट एप, एम.आई.एस./ डैशबोर्ड की सुविधा (रिर्पोट सहित), ऑपरेटर स्टॉफ का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके साथ ही राज्य एवं क्षेत्रीय सहायक कंपनी के लिए कंट्रोल एवं कमांड सेंटर सॉफ्टवेयर, बस/ऑटो/टैक्सी/मेट्रो के लिए एक बुकिंग प्लेटफार्म की सुविधा (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स प्लेटफार्म), ऑनलाइन यात्री बुकिंग सुविधा, यात्री हेल्प डेस्क, राज्य / संभाग के कार्यालयों में ऑपरेशन डेशबोर्ड, स्टाफ की ट्रेनिंग आदि उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अलावा यात्रियों की लास्ट माईल कनेक्टिविटी एवं मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए ट्रेवल एप तैयार किया जाना, जिसमें बस, ऑटो, टेक्सी, ई-स्कूटर, मेट्रो आदि संकलित हो। पैसेंजर इन्फोर्मेशन सिस्टम की स्थापना भी बस स्टैण्ड, यात्री बसों पर रीयल टाइम बेसिस पर की जा सकती है। यह जानकारी मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से सीधे यात्रीगणों को मोबाईल पर मुहैया कराई जायेगी ।

(6) क्षेत्रीय सहायक कंपनी के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) एवं पॉलिसी तैयार करना तथा दिन-प्रतिदिन के आपरेशन में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना आदि।

(7) अनुबंधित बस ऑपरेटर्स को आवश्यक अधोसंरचना जैसे डिपो, बस स्टैण्ड, बस स्टॉप, बुकिंग सेंटर्स आदि की सुविधा मुहैया करायी जायेगी। नगरीय क्षेत्रों में बस डिपो, बस स्टैण्ड, बस स्टाप का विकास/निर्माण कार्य नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा कराया जाकर संधारण एवं संचालन के लिए होल्डिंग कंपनी को अंतरित किया जायेगा। कंपनी पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी प्रदेश में परिवहन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने का कार्य कर सकेगीं।

(8) आपरेटर्स को, बसों का सुचारु संचालन के लिए आवश्यक सहयोग एवं सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी।

(9) क्षेत्रीय स्तर पर कैपिसिटी बिल्डिंग एवं ट्रेनिंग सेंटर्स का गठन किया जायेगा। जिसमें निजी, शासकीय, अर्ध शासकीय स्टाफ की ट्रेनिंग शामिल होगी।

(10) पर्यावरण हितैषी कार्य जैसे ई-बस, इलेक्ट्रिक चार्जिंग आदि का सेटअप साथ-साथ प्रमोट किया जायेगा।

(11) विभिन्न स्टेक होल्डर्स जैसे बस ऑपरेटर, आमजन आदि से संपर्क रखते हुये इस आई.टी. प्लेटफार्म पर एग्रीगेटर रोल के तहत अन्य इन्टरमिडिएट पैरा ट्रांजिस्ट (IPT) ऑपरेटर्स एवं अन्य गैर अनुबंधित प्रायवेट बस ऑपरेटर्स को भी इस सिंगल आई.टी. प्लेटफार्म पर लाने की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी ।

(12) ग्रीन फंडिंग एवं केन्द्र शासन / राज्य शासन की योजना का लाभ लेते हुये बस ऑपरेशन सिस्टम को सुदृढ़ किया जायेगा।

(13) कंपनी के राज्य में उपलब्ध अचल संपत्तियों का संधारण एवं आवश्यकतानुसार नवीन संपत्तियों का अधिग्रहण तथा इनका उपयोग परिवहन सेवाओं तथा राजस्व आय के रुप में किया जायेगा।

होल्डिंग कंपनी के गठन उपरांत उक्त सात संभागीय मुख्यालयों की कंपनी में इस होल्डिंग कंपनी के शेयर बहुसंख्यक आधार पर लिये जाने पर यह सातों कंपनी इस राज्य स्तरीय कम्पनी की सहायक कम्पनी की श्रेणी में आ जायेगी। भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रीवा संभागीय मुख्यालयों पर मौजूद इन कंपनियों के माध्यम से, उनके कार्यक्षेत्र में यात्री बस परिवहन सेवा को संचालित किया जायेगा। क्षेत्रीय सहायक कंपनियों के दायित्व मूल रुप से राज्य स्तरीय कंपनी के अनुरुप रहेंगे तथा यह सहायक कंपनी दैनिंदिनी बस ऑपरेशन, राजस्व आय एवं होल्डिंग कंपनी के निर्देशों के अधीन काम करेंगी।

जिला स्तरीय समिति के समन्वयक जिला कलेक्टर रहेंगे तथा इस समिति में जिले के सांसद, समस्त विधायकगण, महापौर / अध्यक्ष नगर पालिका, जिला पंचायत अध्यक्ष, आयुक्त नगर निगम, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका/नगर परिषद, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, जिला परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण तथा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रह सकेंगे। समिति के दायित्व में संभाग स्तरीय यात्री परिवहन कंपनी द्वारा साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर किये जा रहे बसों के संचालन की प्रभावी मॉनिटरिंग, रूट की लंबाई अथवा रुट में संशोधन, स्टापेज, बस फ्रीक्वेंसी, आई.टी. प्लेट फार्म का सुचारु रुप से संचालन, साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर बस स्टॉप, चार्जिंग स्टेशन के निर्माण संबंधी सुझाव, के साथ जिले के बस ऑपरेटर्स के मध्य आवश्यक समन्वय का कार्य किया जायेगा।

शासकीय सेवकों को देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य शासन के शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय विभिन्न भत्तों का पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई। शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण के फलस्वरूप राज्य शासन पर अतिरिक्त वार्षिक व्ययभार लगभग 1500 करोड़ रूपये आयेगा। शासकीय सेवकों के लिये सातवें वेतनमान में देय मूल वेतन के आधार पर A श्रेणी के नगरों के लिए 10%, B श्रेणी के नगरों के लिए 7%, C एवं D श्रेणी के नगरों के लिए 5% के आधार पर गृह भाडा भत्ता प्रदान किया जायेगा।

दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, मील भत्ता, ठहरने की पात्रता, प्रदेश के बाहर यात्रा के दौरान स्थानीय परिवहन, स्थानांतरण पर घरेलू समान का परिवहन एवं स्थानांतरण अनुदान, स्थायी यात्रा भत्ता में मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि, की जायेगी। इसके साथ ही अतिरिक्त कार्य के लिए दोहरा भत्ता, राज्य शासन के पात्र चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों को दिये जाने वाला अव्यवसायिक भत्ता, सचिवालयीन भत्ता एवं मंत्रालयीन अधिकारियों के लिए विशेष भत्ता की स्वीकृति दी गयी है। इसके साथ ही शासकीय सेवकों की मृत्यु पर परिवार को देय अनुग्रह अनुदान वर्तमान में निर्धारित पात्रता का 2.57 गुणक के आधार पर अधिकतम 1 लाख 25 हजार रूपये तक दिया जाएगा।

मंत्रालय भवन में संचालित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली संचालनालय एवं राज्य सत्कार अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शासकीय सेवकों को भी मंत्रालय के समकक्ष अधिकारियों के समतुल्य मंत्रालय भत्ता दिया जायेगा।

छतरपुर में माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर स्थल पवित्र क्षेत्र घोषित

मंत्रि-परिषद द्वारा छतरपुर जिले के ग्राम लवकुशनगर में माता बम्बरबैनी प्राचीन स्थल मंदिर खसरा नं. 2157 रकवा 0.012 हेक्टेयर एवं खसरा नं 2158 रकवा 30.375 हेक्टेयर पहाड़ क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button