शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिवनी मालवा में “वर्ल्ड वेटलैंड डे” पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सिवनी मालवा
 1 फरवरी 2025 को अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड डे के उपलक्ष्य में शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिवनी मालवा में एक भव्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आर्द्रभूमियों (वेटलैंड्स) के महत्व और इनके संरक्षण की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के इको क्लब द्वारा किया गया, जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापक और छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार धुर्वे एवं मुख्य अतिथि डॉ. आर. के. रघुवंशी प्राचार्य शासकीय कुसुम स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी मालवा द्वारा दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण से हुई। इसके बाद महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार धुर्वे ने अपने उद्घाटन भाषण में वेटलैंड्स को "प्रकृति के फेफड़े" की संज्ञा दी और इनके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वेटलैंड्स न केवल जल स्रोतों को संरक्षित करते हैं, बल्कि यह विभिन्न प्रकार की जैव विविधता का आश्रय स्थल भी हैं। डॉ. धुर्वे ने बताया कि वेटलैंड्स बाढ़ नियंत्रण, पानी को शुद्ध करने, भूजल रिचार्ज और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. आर. के. रघुवंशी ने वेटलैंड्स में पाए जाने वाले पौधों और उनकी पारिस्थितिकी भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वेटलैंड्स में उपस्थित पौधे मृदा संरक्षण, जल शुद्धिकरण और जलवायु संतुलन में योगदान देते हैं। उन्होंने वेटलैंड्स को जैव विविधता का खजाना बताते हुए इनके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इको क्लब प्रभारी डॉ. सतीश बालापुरे ने अपने विचार रखते हुए वेटलैंड्स की पारिस्थितिकी और इनके जैव विविधता पर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि वेटलैंड्स हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो असंख्य पौधों और जीवों को आवास प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन आर्द्रभूमियों का संरक्षण हमारे लिए अत्यावश्यक है, क्योंकि यह पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के सपोर्ट ऑफिसर डॉ. धर्मेंद्र गुर्जर ने किया। अंत में, धन्यवाद ज्ञापन इको क्लब सहसंयोजक रजनीकांत वर्मा ने प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, प्राचार्य महोदय, प्राध्यापकों और छात्राओं का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।
इस दौरान प्राध्यापक प्रशांत चौरसिया, डॉ बाऊ पटेल, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती काजल रतन, श्रीमती संगीता कहार, कु. आकांक्षा पांडे एवं इको क्लब इकाई की समस्त छात्राएं तथा प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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