गोला बारूद और टारपीडो ले जाने वाली बार्ज नौका नौसेना के बेड़े में शामिल
गोला बारूद और टारपीडो ले जाने वाली बार्ज नौका नौसेना के बेड़े में शामिल
गोला बारूद, टारपीडो तथा मिसाइलों को लाने-ले जाने में सक्षम बार्ज नौका एलएसएएम-18 नौसेना के बेडे में शामिल की गयी
राष्ट्रीय सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सशस्त्र बलों में एकजुटता महत्वपूर्ण: नौसेना प्रमुख
नई दिल्ली
गोला बारूद, टारपीडो तथा मिसाइलों को समुद्र में एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने-ले जाने में सक्षम तीसरी बार्ज नौका एलएसएएम-18 नौसेना के बेडे में शामिल हो गयी।
नौसेना ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस बार्ज नौका को ठाणे के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम शिपयार्ड, मेसर्स सूर्यदिप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है।
रक्षा मंत्रालय ने इन नौकाओं के निर्माण के लिए मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ पांच मार्च 2021 में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इन नौकाओं के भारतीय नौसेना में शामिल होने से नौसेना की संचालन क्षमता को बढाने एवं अभियानों को पूरा करने में तेजी आयेगी। इन नौकाओं से बांधों, घाटों और बाहरी बंदरगाह पर भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए सामान, गोला-बारूद के परिवहन, लदान तथा चढ़ाने-उतारने की सुविधा मिलेगी।
ये छोटे जहाज नौसेना नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से तैयार तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौकाओं का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
राष्ट्रीय सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सशस्त्र बलों में एकजुटता महत्वपूर्ण: नौसेना प्रमुख
नई दिल्ली
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने राष्ट्रीय सैन्य उद्देश्यों को हासिल करने के लिए सशस्त्र बलों में एकजुटता और एकीकरण के महत्व पर बल दिया है।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि एडमिरल कुमार ने स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन का दौरा किया और 79 वें स्टाफ कोर्स में भाग ले रहे सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित किया। नौसेना प्रमुख ने भारत की समुद्री विरासत और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्रीय विशिष्टता स्थापित करने में देश के भूगोल के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों को लागू करते हुए भारतीय नौसेना के युद्ध के लिए तत्पर, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल में परिवर्तित होने पर प्रकाश डाला।
एडमिरल कुमार ने समुद्री डकैती के विरूद्ध चलाये जा रहे मिशनों सहित भारतीय नौसेना द्वारा हाल ही में चलाए गए कुछ अभियानों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने भारत के व्यापार और अन्य समुद्री हितों की रक्षा में नौसेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्रीय सैन्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सशस्त्र बलों के भीतर एकजुटता और एकीकरण के महत्व पर भी बल दिया।