मुख्यमंत्री डॉ. यादव की केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से प्रदेश हित के विषयों पर चर्चा

  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव की केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से प्रदेश हित के विषयों पर चर्चा
  • केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिया शीघ्र निराकरण का आश्वासन
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव की केंद्रीय मंत्री गोयल से प्रदेशहित के विषयों पर हुई विस्तृत चर्चा

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन एवं श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव से उनके निवास पर सौजन्य भेंट कर प्रदेश हित से जुड़े लंबित प्रकरणों पर निराकरण करने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री यादव को बताया कि प्रदेश में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की केंद्रीय योजनाओं को मूर्त रूप देने में मध्य प्रदेश पूरी क्षमता से प्रयासरत है। प्रदेश में केंद्रीय योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव लंबित है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि संजय टाइगर रिजर्व में गौर पुनर्स्थापना योजना के अंतर्गत ट्रांसलोकेटेड 50 गौर के रक्त नमूना एकत्र करने की अनुमति, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 50 गौर ट्रांसलोकेशन की अनुमति, टाइगर कंजर्वेशन प्लान के अनुमोदन और फसल हानि करने वाले 400 कृष्ण मृग का ट्रांसलोकेशन संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन हैं।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष तथा वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की ओर भी केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। इनके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रीन इंडिया मिशन के तहत वर्ष 2022-23 और 2023-24 के साथ-साथ वर्ष 2023-24 की केंद्रीय प्रवर्तित योजना की लंबित किश्त भी शीघ्र जारी करवाने का निवेदन किया।

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की केंद्रीय मंत्री गोयल से प्रदेशहित के विषयों पर हुई विस्तृत चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से सौजन्य भेंट कर उनके मंत्रालयों से संबंधित प्रदेश के विभिन्न विषयों पर चर्चा की। बैठक के दौरान धार स्थित पीएम मित्र पार्क, साड़ी वॉकैथन का आयोजन, नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रस्ताव, मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत जनजातीय महिलाओं के प्रशिक्षण तथा रबी उपार्जन जैसे विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य शासन द्वारा धार स्थित पीएम मित्र पार्क के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल बनाने और भूमि स्थानांतरित करने जैसी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं, और पीएम मित्र पार्क प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से भूमिपूजन के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री गोयल से प्रदेश में साड़ी वॉकैथन के आयोजन में सहयोग दिए जाने का अनुरोध किया जिससे प्रदेश की चंदेरी, माहेश्वरी और बाग प्रिंट्स जैसे हैंडलूम उत्पादों का व्यापक प्रचार हो सके। केंद्रीय मंत्री ने कपड़ा मंत्रालय द्वारा प्रदेश शासन को साड़ी वॉकैथन के आयोजन के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। साड़ी वॉकैथन को सफल बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने लोकल सेलेब्रिटी, लोकल आरजे और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को जोड़ने का सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के अंतर्गत प्रदेश शासन द्वारा बनाए गए प्रशिक्षण प्रस्तावों की रूपरेखा केंद्रीय मंत्री के सामने रखी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना भी संचालित है जिसमें प्रदेश के युवाओं को स्टाइपेंड सहित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने योजना में विभिन्न कपड़ा मिलों को पंजीकृत किया जाने का अनुरोध किया जिससे प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं को लाभ दिया जा सके। केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस संबंध में मंत्रालय के अधिकारियों को कपड़ा मिलों का डाटाबेस तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की समर्थ योजना से प्रदेश की सीखो कमाओ योजना को जोड़कर प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के महिला स्व-सहायता समूहों को लाभ दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रबी उपार्जन के संबंध में भी केंद्रीय मंत्री गोयल से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही प्रदेश की मंडियों में गेंहू की आवक शुरू हो जाएगी और किसानों का उपार्जन हेतु पंजीयन शुरू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि किसी भी किसान की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर नहीं खरीदी जाएगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन से किसी भी किसान को वंचित नहीं रखा जाएगा और प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों तथा वनाधिकार पट्टाधारकों से उपार्जन किया जाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिकाधिक गेंहू उपार्जन हेतु एक सप्ताह के भीतर उपार्जन केन्द्र खोले जाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

 

 

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