शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के नाम पर ईसाई मिशनरी करते हैं धर्मांतरण- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

 रायपुर
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीति गरमाने लगी है. धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस में वार पलटवार शुरू हो गया है. दरअसल, विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धर्मांतरण के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर घेरा था. अब एक बार फिर खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मुद्दे को हवा दे दी है.

'धर्मांतरण रुकेगा, तो हिंदुत्व को ताकत मिलेगी'

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रदेश में काम करने वाले मिशनरियों को आड़े हाथों लिया. मुख्यमंत्री साय ने  ईसाई मिशनरियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने रायपुर में एक निजी शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम में कहा कि ईसाई मिशनरी एजुकेशन और हेल्थ के क्षेत्र में हावी है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ये मिशनरी इसकी आड़ में धर्मांतरण ज्यादा करते हैं. ये सब रुकेगा, तो हिंदुत्व को ताकत मिलेगी.  इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बस्तर और सरगुजा में शिक्षा की अलख जगाने की बात कही.

 
कांग्रेस ने चर्च निर्माण पर श्वेत पत्र जारी करने को कहा

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर CM विष्णुदेव साय के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री बयानबाजी के बजाय प्रदेश में कितने चर्च है और ये चर्च किसकी सरकार में कितने बने हैं, इस पर श्वेत पत्र जारी करें. कांग्रेस मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा और सीएम साय पर धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. शुक्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव है, इसलिए सीएम ऐसे बयान देकर राजनीति कर रहे हैं. अगर प्रदेश में धर्मांतरण हो रहा है, तो सरकार कार्रवाई करे. शुक्ला ने आगे कहा कि रमन सरकार के 15 साल में सबसे ज्यादा चर्चों का निर्माण हुआ. सरकार चर्चों की संख्या पर श्वेत पत्र जारी कर जानकारी सार्वजनिक कर दे, तो सबको पता चल जाएगा कि चर्चों का निर्माण किसके शासन काल में हुआ है.

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