CM साय ने 780 बुजुर्ग श्रद्धालुओं से भरे ट्रैन को किए रवाना

रायपुर
छत्तीसगढ़ सरकार ने तीर्थ दर्शन योजना को फिर शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में तीर्थयात्रा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। इस योजना के तहत राज्य के वरिष्ठ नागरिकों और कम आय वाले परिवारों को प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलेगा। इस दौरान सीएम साय ने कहा कि, बुजुर्ग श्रद्धालुओं को तीर्थ करने का फल मिल सके इसलिए संवेदनशील सरकार ने यह पहल की है।
मोदी की गारंटी को पूरा कर रही छत्तीसगढ़ सरकार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, यह योजना हमारी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का हिस्सा है। हम चाहते हैं कि राज्य के हर नागरिक को देश के पवित्र तीर्थस्थलों के दर्शन का मौका मिले, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो। हम एक और मोदी की गारंटी पूरी कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के वक्त जनता से वादा किया था, उस दौरान मोदी की गारंटी में इसे भी शामिल किया गया था, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार पूरा कर रही है। इस दौरान सीएम साय ने रायपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में यात्रियों से बातचीत की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
तीर्थ दर्शन योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का उद्देश्य गरीब और वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रमुख और प्रसिद्ध तीर्थस्थलों की यात्रा कराना है। सभी वर्गों के लोगों को धार्मिक यात्राओं का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
छत्तीसगढ़ से बाहर के तीर्थ स्थलों पर जाने से राज्य के लोगों को नए स्थानों के दर्शन का अवसर मिलेगा। बता दें कि, ट्रेन में यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं को खाने-पीने की व्यवस्था, यात्रा बीमा और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी। योजना के तहत यात्रा का अधिकांश खर्च सरकार वहन करेगी, जिससे गरीब परिवारों को आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
इच्छुक लाभार्थियों को ऑनलाइन या जिला प्रशासन के माध्यम से आवेदन करना होगा। आयु सीमा वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को प्राथमिकता। आर्थिक पृष्ठभूमि में कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। चयन प्रक्रिया में लाभार्थियों का चयन पारदर्शी लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
गौरतलब है कि, यह योजना पहले भाजपा सरकार के दौरान शुरू हुई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इसे बंद कर दिया गया था। अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।