आयकर विभाग के नोटिस पर फूटा कांग्रेस का गुस्सा, भाजपा पर कानून का उल्लंघन का आरोप

नई दिल्ली.

लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने पिछले वर्षों के कर रिटर्न विसंगतियों के लिए कांग्रेस को 1,823.08 करोड़ रुपये का नया नोटिस थमाया है। आयकर विभाग के इस नोटिस पर कांग्रेस नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इस पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग और कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

आयकर विभाग के नोटिस पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "देश में लोकतंत्र है। कानून है। भाजपा सरकार अधिकारियों को निर्देश देकर इस तरह की कार्रवाई कर रही है। वे विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। इसका मतलब यह है कि वे कांग्रेस और इंडी गठबंधन से डर रहे हैं। इंडी गठबंधन एनडीए को हराने वाली है। भाजपा इस कमजोरी को समझ चुकी है। उन्हें मालूम है कि भाजपा चुनाव हारने वाली है। इसलिए वह डर पैदा करने की कोशिश कर रही है। कल रात मुझे उस मामले को लेकर नोटिस भेजा गया, जो पहले ही सुलझ चुका है।"

लोकतंत्र को पंगु बनाने की कोशिश: प्रियांक खरगे
कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने आयकर विभाग के नोटिस पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने इसे सरकार द्वारा जान बूझकर लिया गया फैसला बताया है। प्रियांक ने कहा, "भाजपा अपने आईटी और ईडी के मुखौटा संगठन को सक्रिय कर रही है। वे लोकतंत्र की प्रक्रिया को पंगु बनाने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से अधिक सीटें नहीं जीतने वाली है।" कांग्रेस सांसद प्रमोद सावंत ने कहा, "यह सत्ता का दुरुपयोग और कानून का उल्लंघन है। इससे यह पता चलता है कि देश में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है। हर तरह से विपक्षी पार्टियों के नाक में दम कर दिया है। अब तो यह भी समझ नहीं आ रहा कि वे क्या कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि आयकर विभाग के जरिए भाजपा सरकार कांग्रेस को पंगु बनाने की कोशिश कर रही है।

बता दें कि कांग्रेस के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को भी आयकर विभाग से एक नोटिस मिला है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों के दौरान आयकर रिटर्न दाखिल करते समय पुराने पैन कार्ड का उपयोग करने के लिए पार्टी को 11 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने को कहा गया है। इसके साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को भी 15.59 करोड़ रुपये बकाए का नोटिस जारी किया गया है।

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