दिग्विजय सिंह का 400 पार का प्लान फुस्स हो गया, केवल 19 नामांकन पत्र हुए जमा

राजगढ़
 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से 400 से अधिक नामांकन पत्र भरवाने की तैयारी की थी। उनकी योजना 384 से अधिक प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारकर ईवीएम को चुनाव से बाहर करने की थी। इसके लिए उन्होंने सभाओं और इंटरनेट मीडिया पर आह्वान भी किया था। अधिवक्ता का नंबर जारी करने के साथ ही विधानसभावार सूची भी बनी, लेकिन नामांकन भरने के दो दिनों में मात्र 19 नामांकन पत्र जमा ही होने के बीच यह कवायद फुस्स हो गई।

अब बुधवार को रामनवमी है। इसके बाद मात्र दो दिन बचेंगे, जिसमें इतने नामांकन भरा जाना बेहद मुश्किल होगा। इधर, दिग्विजय सिंह ने भी ऐसे प्रयासों से किनारा करते हुए कहा है कि उन्हें ईवीएम से विशेष प्यार है। हम नामांकन तो भरवा देते, लेकिन चुनाव आयोग एक कंट्रोल यूनिट और लगवा देता। बैलेट पेपर से चुनाव करवाने के लिए 384 से अधिक नामांकन पत्र जमा करने का आह्वान अब पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। नामांकन पत्र जमा करने की रफ्तार भी धीमी है।

यही कारण है कि तीन दिन में कुल 19 नामांकन पत्र ही जमा हो सके हैं। इनमें भी कुछ उम्मीदवारों के एक से अधिक नामांकन पत्र शामिल हैं। अब नामांकन पत्र जमा करने के लिए सिर्फ दो दिन शेष हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जब से उनका नाम आया, तब ही से वह लोकसभा क्षेत्र में मंचों से लोगों से अपील कर रहे थे कि यदि बैलट पेपर से चुनाव कराना चाहते हो तो 384 से अधिक नामांकन पत्र जमा करें।

जमीनी स्तर पर 400 से अधिक फॉर्म जमा किए जाने की तैयारी भी थी। अब तक 19 नामांकन पत्र आए हैं, जिसमें खुद दिग्विजय सिंह के ही चार नामांकन पत्र हैं। भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर के दो नामांकन पत्र जमा हैं व बाकी अन्य उम्मीदवारों में भी किसी के एक तो किसी के दो नामांकन पत्र हैं।

भूपेश बघेल ने किया था ऐसा ही प्रयास

छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट में प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी कार्यकर्ताओं से कहा था कि अधिक से अधिक फॉर्म भरा जाए। 384 अभ्यर्थी होने पर चुनाव आयोग को ईवीएम के बजाय मतपत्र से वोटिंग करानी पड़ेगी। हालांकि चार अप्रैल को नामांकन के अंतिम दिन तक 23 ने ही पर्चा भरा था।

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