खुलासा:  रामलला की मूर्ति जिस श्याम शिला से बनी, निकालने वाले पर लगा था 80 हजार का जुर्माना

अयोध्या 
अयोध्या के राम मंदिर में  प्राणप्रतिष्ठित रामलला की मूर्ति को लेकर उसके शिल्पकार अरुण योगीराज ही कई हैरान करने वाले दावे कर चुके हैं। अरुण योगीराज ही नहीं बल्कि बहुत सारे लोगों का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति की आभा ही बदल गई। उनकी आंखें जैसे करुणा बरसा रही हैं औऱ बोलने वाली हैं। बता दें कि रामलाला की इस मूर्ति का निर्माण श्याम शिला से किया गया जिसे कर्नाटक के एचडी कोटे से मंगवाया गया था। इस पत्थर को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है। पत्थर जिस कॉन्ट्रैक्टर ने खोदकर निकाला था उसपर सरकार ने 80 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया था। 

टीवी9 और आउटलुक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में एक कॉन्ट्रैक्टर ने दलित किसान की खेती की जमीन से इस पत्थर को निकाला था। दरअसल हारोहल्ली-गुज्जेगौडानापुरा के रहने वाले 70 साल के किसान रामादास एच अपने खेत को बराबर करवाना चाहते थे। इस खेत की जमीन बहुत पथरीली थी। रामदास ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा था, मैं अपनी खेती की जमीन से पत्थर निकलवाना चाहता था। इसके लिए श्रीनिवास नटराज नाम के शख्स को पत्थर निकालने का ठेका दिया गया। 

10 फीट की खुदाई के बाद नटराज को एक बड़ा पत्थर मिला जो कि काले रंग का था। यह वह श्याम शिला थी जिसका इस्तेमाल अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाने में किया। इस पत्थर के बारे में आसपास के लोगों को पता चला तो उन्होंने सूचना माइन्स ऐंड जियोलॉजी डिपार्टमेंट को दे दी। विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और कहा कि नटराज ने यहां पर अवैध खनन किया है। अधिकारियों ने नटराज पर जुर्माना लगा दिया। हालांकि उस समय तक इस पत्थर का चुनाव रामलला की मूर्ति बनाने के लिए नहीं किया गया था। 

बाद में अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाने के लिए इसी श्यामशिला के एक टुकड़े का चुनाव किया। इस बात की जानकारी जब मैसूर से भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा को मिली तो उन्होंने कहा कि भाजपा वह पूरी रकम नटराज को लौटाएगी जो कि उन्होंने जुर्माने को रूप में भरी थी। वहीं जिस किसान की जमीन से पत्थर निकाला गया था, उसका कहना है कि उस जगह पर एक राममंदिर बनाया जाएगा। इसमें स्थापित की जाने वाली मूर्ति को बनाने के लिए भी वह अरुण योगीराज से संपर्क करेंगे। 

श्रीनिवास ने यह स्पष्ट किया है कि रामलला की मूर्ति के पत्थर को जानकर उनपर जुर्माना नहीं लगाया गया था। यह जुर्माना अवैध खनन को लेकर था। उन्होंने कहा कि जिस पत्थर से रामलला की मूर्ति गढ़ी गई है उसको लेकर कर्नाटक सरकार ने कोई जुर्माना नहीं लगाया था। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button