दस वर्ष पुराने मामले में फैक्ट्री प्रबंधक को 2 वर्ष की सजा और दस लाख रुपये जुर्माना

रायपुर

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार एक ऐसा फैसला आया है जिसमें करीब दस वर्षों की सुनवाई और निचली अदालत में फैसले के बाद इंडस्ट्रियल कोर्ट में फैक्ट्री प्रबंधन को अनियमितताओं के कारण 2 वर्ष की सजा और दस लाख रुपये का जुमार्ना किया गया है। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को कंडिका 23 के तहत यथाशीघ्र कोर्ट में समर्पण करने आदेशित किया है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 नवम्बर 2014 में उपसंचालक , औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा छत्तीसगढ़ , रायपुर के कारखाना निरीक्षक मनीष श्रीवास्तव ने इस कारखाने का निरीक्षण किया था तथा अनेक अनियमितताएं पाई थीं। जिसके बाद प्रबंधक को दंडित करने के लिये प्रकरण फरवरी 2015 से ये मामला श्रम न्यायालय क्र 1, रायपुर में चल रहा था। 5 वर्षो बाद कोरोना काल के पश्चात श्रम न्यायालय में 23 जनवरी 2020 को अभियुक्त को तत्कालीन श्रम न्यायधीश ओमप्रकाश साहू द्वारा दोषमुक्त घोषित किया गया था।
इस निर्णय के विरुध्द राज्य औद्योगिक न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई थी जिसमे विगत 24 जनवरी 2024 को कोर्ट ने अपील का निराकरण करते हुए आर सी कास्टिंग इंडस्ट्रीज के मालिक / प्रबंधक योगेश गुप्ता आरोपी को 2 वर्ष के कारागार एवं 10 लाख रुपये से दंडित किया है।

अर्थदंड नही जमा करने पर एक महीने के साधारण कारावास की सजा घोषित की गयी है। इसमें शामिल आरोपों में से छत्तीसगढ़ कारखाना नियमावली के नियम 73 के उल्लंघन पर 6 माह की कैद तथा एक लाख रु का जुमार्ना, कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिये 6 माह की सजा तथा एक लाख रु जुमार्ना तथा इसी प्रकार अन्य मामलों में भी पृथक पृथक दंड दिया गया है।

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