पुलिसकर्मियों पर मारपीट और अभद्रता के आरोप में एफआईआर दर्ज, वकीलों और पुलिस के बीच विवाद

इंदौर
इंदौर में हाई कोर्ट के सामने रास्ता जाम कर रहे वकील पिता-पुत्रों का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें वे बुजुर्ग बाइक सवार की पिटाई करते हुए नजर आ रहे हैं। फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही वकीलों पर कायमी की गई है। तीनों पिता-पुत्रों का आपराधिक रिकॉर्ड भी है। हालांकि अफसरों ने वकीलों की मांग पर पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की घोषणा की है। परदेशीपुरा पुलिस के मुताबिक कुलकर्णी नगर निवासी राजू उर्फ कालू गौड़ से आरोपित अरविंद जैन, अपूर्व जैन और अर्पित जैन ने विवाद किया था।
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मछली व्यवसायी कालू सुबह करीब 10.30 बजे स्कूटर से डमरू उस्ताद चौराहे से सफेद मंदिर की ओर जा रहा था। बच्चों द्वारा रंग फेंकने पर राजू गाड़ी रोककर समझाने लगा। अरविंद पास आए तो राजू ने कहा कि बच्चों को समझा लो। वरना कोई वाहन से गिर जाएगा।
पुलिसकर्मियों को बताई घटना
इस पर अरविंद भड़क गए और गालियां देने लगे। अपूर्व और अर्पित को भी बुलाया। राजू डमरू उस्ताद चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मियों के पास पहुंचा और घटना बताई। पुलिसकर्मी जानकारी लेने पहुंचे ही थे कि तीनों पिता-पुत्रों ने राजू की पिटाई शुरू कर दी। पुलिस से भी अभद्रता की। अरविंद जैन ने आरोप लगाया कि राजू कबाड़ी का धंधा भी करता है। उसकी पुलिस से सांठगांठ है और पुलिसकर्मियों की उसकी दुकान पर बैठक है। पुलिस ने अधूरे फुटेज पेश किए है। राजू के एक इशारे पर पुलिसकर्मी घटना स्थल पर पहुंच गए, जबकि आम लोग तो कॉल कर थक जाते हैं।
पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप
परिचय देने पर भी पुलिस ने वकीलों से अभद्रता की है। उनकी बेरहमी से पिटाई की और थाने में बैठा लिया। 61 वर्षीय अरविंद के मुताबिक मैं परदेशीपुरा व इंदौर जैन समाज का अध्यक्ष भी हूं। पुलिस को दोनों पक्षों की बात सुनना चाहिए। जिला और हाई कोर्ट के वकीलों के साथ जैन समाज के पदाधिकारी भी परदेशीपुरा थाने में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
हाथ में फ्रेक्चर हुआ
इस दौरान एसीपी नरेंद्र रावत से चर्चा कर मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी शोभाराम जाट, दीपक जामोद, देवेंद्रसिंह, संतोष तिवारी, अनूप तिवारी, भूपेंद्र भदौरिया और भाटी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। अरविंद ने कहा कि पुलिस की पिटाई से उनके हाथ और पैर में फ्रेक्चर हुआ है। इसके बाद वकील हाई कोर्ट के सामने रास्ता जाम करने लगे। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-2 अमरेंद्रसिंह ने चर्चा की और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आश्वासन दिया। एडीसीपी ने कहा कि निष्पक्ष जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य परीक्षण में शराब की पुष्टि नहीं
हाई कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित है। जाम की सूचना मिलने पर टीआई जितेंद्र यादव मौके पर पहुंचे थे। वकीलों ने उन्हें घेर लिया। शराब के नशे में होने का आरोप लगाया। टीआई घबरा गए। साथी पुलिसकर्मियों ने घेरा बनाकर निकाला। इस दौरान वे गिर पड़े। वकीलों ने उन पर हाथ उठाया। उनके कंधे से फीती खींची गई। घटना के बाद अफसरों ने टीआई का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया, लेकिन उसमें शराब की पुष्टि नहीं हुई। टीआई की दो दिन से तबीयत खराब थी। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जांच के बाद घटनास्थल पहुंचे थे, लेकिन यहां धक्का-मुक्की के बाद उनकी शुगर कम हो गई।
वीडियो फुटेज से पुलिस करेगी पहचान
टीआई से मारपीट को पुलिस अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया। एडि. डीसीपी ही वकीलों से बातचीत करते रहे। वरिष्ठ अफसर नहीं पहुंचे। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अफसरों ने चर्चा कर टीआई जितेंद्र यादव का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। रिपोर्ट में अल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई है। अफसरों ने भोपाल चर्चा की। यहां भी पुलिस में वकीलों का खौफ नजर आया और रात 8.30 बजे टीआइ की तरफ से सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया, वह भी अज्ञात। हालांकि पुलिस का दावा है कि वीडियो फुटेज से आरोपितों की पहचान की जाएगी।
आठ साल पूर्व भी विवाद
वकील और पुलिस के बीच आठ साल पूर्व भी विवाद हुआ था। उस वक्त संतोष कुमार सिंह डीआईजी बनकर आए थे। वकीलों पर केस दर्ज करवाया, लेकिन पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस बार पुलिस ने टीआई की शिकायत पर शासकीय कार्य में बाधा की धाराएं भी लगाई हैं।
वकीलों का आरोप शराब के नशे में रुपये मांगे
वकील अरविंद जैन ने थाने में लिखित आवेदन देकर कहा कि स्कूटर सवार ने उनसे शराब पीने के लिए रुपयों की मांग की। रुपये न देने पर उसने धमकाया। पुलिसकर्मियों ने मोबाइल छीना और लात-घूंसों से पिटाई की। उन्होंने कहा कि मारपीट के दौरान हाथ-पैर में चोट आई है। उधर, पुलिस ने पिता-पुत्रों का आपराधिक रिकार्ड जारी कर कहा कि उनके खिलाफ परदेशीपुरा, एमजी रोड और आष्टा (सीहोर) में भी केस दर्ज हैं।