मार्च में चल सकती है लू, राज्यों को किया गया अलर्ट

नई दिल्ली

 बीते कुछ सालों से पृथ्वी पर कई देश भीषण गर्मी (Global warming) का प्रकोप झेल रहे हैं। लेकिन इससे पहले ऐसा नहीं था, मौसम चक्र के मुताबिक सर्दी, गर्मी और बरसात होती थी और गर्मी के महीनों में भी इतनी गर्मी नहीं होती थी। लेकिन धरती के बढ़ते तापमान ने अब अपनी गर्मी से दुनिया को चेता दिया है कि अब जलवायु पूरी तरह बदल गई है और इसे और भी पुख्ता कर दिया है यूरोपीय जलवायु मॉनिटर एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (Copernicus Climate Change Service) की एक रिपोर्ट ने। जिसमें कहा गया है कि बीता हुआ फरवरी महीना साल में पूरे विश्व में सबसे ज्यादा गर्म महीना (Hottest Month Of Year) रहा है। इस दौरान पूरी धरती पर बढ़ा हुआ तापमान दर्ज किया गया है।

लगातार नौवें महीने उच्च तापमान

एजेंसी का कहना है कि जिस फरवरी महीने में ये भीषण गर्मी दर्ज की गई है। वो लगातार नौवां महीना है जब पूरी धरती पर रिकॉर्ड उच्च तापमान रहा। बीते साल पूरी दुनिया तूफान, सूखा और बाढ़ का प्रकोप देखा था। जो कि अलनीनो के चलते हुआ था।
1.7 डिग्री ज्यादा रहा तापमान

इस रिपोर्ट को लेकर कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) ने बीते महीने कहा था कि फरवरी 2023 से जनवरी 2024 के दौरान पहली बार पृथ्वी ने लगातार 12 महीनों तक पूर्व-औद्योगिक युग की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान झेला है। जो अभी भी जारी है और 2024 की शुरुआत में फरवरी महीने में दर्ज किए तापमान ने इसे पुख्ता कर भी दिया। फरवरी के महीने में जो तापमान दर्ज किया गया है वो 1850-1900 की तुलना में करीब 1.77 डिग्री ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में साइबेरिया (Siberia) से लेकर दक्षिण अमेरिका तक धरती के कई हिस्सों में तापमान बढ़ गया, साथ ही यूरोप ने भी रिकॉर्ड में सर्दी के मौसम में भी सबसे ज्यादा गर्मी दर्ज की।

1901 से अब तक की पांच सबसे गर्म फरवरी

    2023 – 29.54 डिग्री
    2016 – 29.48 डिग्री
    2006 – 29.31 डिग्री
    2017 – 29.24 डिग्री
    2009 – 29.23 डिग्री

मार्च से ही चलेगी लू
मौसम विभाग के मुताबिक मार्च से मई के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इनमें उत्तरपूर्वी भारत, पूर्वी और मध्य भारत के अलावा उत्तर पश्चिम भारत के इलाके शामिल हैं। बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या इससे कम रहने की संभावना है। मध्य भारत और उत्तर पूर्वी भारत में मार्च से मई के दौरान लू की संभावना है। मार्च में देशभर में 83 से 117 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है।

केंद्र ने राज्यों को किया अलर्ट
फरवरी में ही तेज गर्मी देखकर केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अलर्ट करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी से संबंधित बीमारियों को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि नैशनल ऐक्शन प्लान के मुताबिक सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। लोगों को जागरूक किया जाए। पानी का पर्याप्त इंतजाम हो। मौसम विभाग के अनुमानों के बारे में लोगों को समय-समय पर बताया जाए। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी राज्य गर्मी से संबंधित बीमारियों और मौतों की जानकारी साझा करें। साथ ही पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं, आइस पैक, ORS और सभी आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित करें।

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