हाई कोर्ट ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को दिए निर्देश, सेवानिवृत्त पुलिस इन्सपेक्टर से नहीं होगी अधिक भुगतान की वसूली

बिलासपुर
सेवानिवृत्ति से पूर्व जारी वसूली आदेश से क्षुब्ध होकर इन्सपेक्टर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ता से वसूल की गई राशि के साथ रोके गए तमाम सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया है.  

जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर (एम) के पद पर पदस्थ रहे रायपुर निवासी एसके क्षत्री की सेवानिवृत्ति के डेढ़ माह पूर्व रायपुर पुलिस अधीक्षक ने वसूली आदेश जारी कर उनसे कटौती के लिए सहमति मांगी थी. वसूली आदेश से क्षुब्ध होकर इन्सपेक्टर क्षत्री ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं पीएस निकिता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वसूली आदेश को चुनौती दी थी.

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि सुप्रीम कोर्ट के साथ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्यायदृष्टांत का जिक्र करते हुए बताया कि किसी भी शासकीय अधिकारी / कर्मचारी के रिटायरमेन्ट के एक वर्ष पूर्व या रिटायरमेन्ट के पश्चात् किसी भी प्रकार की अधिक भुगतान की वसूली नहीं की जा सकती है.

हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित न्यायदृष्टांतों के आधार पर याचिका को स्वीकार कर याचिकाकर्ता इन्सपेक्टर क्षत्री के विरूद्ध जारी वसूली आदेश को निरस्त कर रायपुर एसपी को याचिकाकर्ता से वसूल की गई राशि के साथ रोके गये समस्त सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करने के लिए निर्देशित किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button