गर्भावस्था में बादाम कैसे खाएं

प्रेग्‍नेंसी एक ऐसा पीरियड होता है जिसमें गर्भवती स्‍त्री को हर छोटी बात का ध्‍यान रखने की जरूरत होती है। उसे कैसे चलना है, कैसे बैठना है, क्‍या खाना है, क्‍या पीना और क्‍या करना उसके लिए सही या क्‍या करने से उसके साथ गलत हो सकता है, ये सब बातें एक प्रेगनेंट औरत के दिमाग में चलती रहती हैं।

हम सभी जानते हैं कि प्रेग्‍नेंसी में डाइट का बहुत ख्‍याल रखना पड़ता है और इस समय ज्‍यादा से ज्‍यादा पौष्टिक चीजें खाने की सलाह दी जाती है। बादाम भी पौष्टिक फूड की लिस्‍ट में ही आता है और डॉक्‍टर तक गर्भवती औरतों को बादाम खाने की सलाह देते हैं लेकिन क्‍या आप ये जानते हैं कि प्रेग्‍नेंसी में बादाम खाने का सही तरीका क्‍या है?

पुणे के उमंग हॉस्‍पीटल की गायनेकोलाॅजिस्‍ट डॉक्‍टर आशा गवड़े ने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर के बताया है कि प्रेग्‍नेंसी में बादाम कैसे खाना चाहिए।
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प्रेग्‍नेंसी में बादाम खाने का तरीका

डॉक्‍टर ने वीडियो में बताया कि एक गर्भवती महिला को बादामों को भिगोकर ही खाना चाहिए। भिगोकर खाने से आपको बादाम के सारे पोषक तत्‍व मिल पाते हैं इसलिए गर्भवती महिला ही नहीं बल्कि हर किसी को बादाम को भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है। अगर आप प्रेगनेंट हैं, तो डॉक्‍टर के बताए इस तरीके से बादाम खाना शुरू कर दें।

बादाम कैसे खाएं

इसके साथ ही डॉक्‍टर ने वीडियो में यह भी बताया कि प्रेगनेंट औरतों को भीगे हुए बादाम का छिलका उतार कर खाना चाहिए। उनका कहना है कि बादाम के छिलके में टैनिन होता है जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए प्रेग्‍नेंसी में बादाम को भिगोने के बाद उसका छिलका उतार कर खाला सही रहता है।

कितने बादाम खाने चाहिए

डॉक्‍टर का कहना है कि प्रेग्‍नेंसी में महिलाओं को रोज चार से पांच बादाम खाने चाहिए। बादाम को भिगोकर खाने से वो आंतों में आसानी से पच जाते हैं और उसके सारे पोषक तत्‍व शरीर को मिल पाते हैं। अब तो आप समझ गई होंगी कि प्रेग्‍नेंसी में बादाम किस तरह, क्‍यों और कितनी मात्रा में खाने चाहिए।

प्रेग्‍नेंसी में बादाम खाने के फायदे

बादाम के अंदर फोलिक एसिड होता है जो बच्‍चे के न्‍यूरोलॉजकल और फीटल ब्रेन के विकास में मदद करता है। फोलिक एसिड से बच्‍चे में न्‍यूरल ट्यूब डिफेक्‍ट का खतरा कम हाे जाता है। इसके अलावा यदि गर्भवती मां का वजन अधिक है या उसे डायबिटीज है, तो उसके बच्‍चे में मोटापे और मेटाबोलिक समस्‍याओं का खतरा बढ़ जाता है। बादाम से कार्बोहाइड्रेट और डायटरी फैट मिलते हैं तो मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ावा देते हैं।

आयरन मिलता है

बादाम में उच्‍च मात्रा में आयरन होता है जो खासतौर पर प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही के लिए जरूरी होता है। आयरन पर्याप्‍त होने पर एनीमिया का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा बादाम में फाइबर भी होता है जो प्रेगनेंट महिला को कब्‍ज आदि से बचाने का काम करता है।

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