अमेरिका में भारतीय छात्रा लापता

ह्यूस्टन
 अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में पिछले सप्ताह से 23 वर्षीय एक भारतीय छात्रा के लापता होने का ताजा मामला सामने आया है और पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए आम लोगों से भी मदद मांगी है। पिछले काफी समय से भारतीय विद्यार्थियों के साथ इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।

पुलिस के अनुसार कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, सैन बेर्नार्डिनो (सीएसयूएसबी) की छात्रा नितीशा कंदुला 28 मई को लापता हुई थी।

सीएसयूएसबी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि नितीशा को आखिरी बार लॉस एंजिलिस में देखा गया था और 30 मई को उसके लापता होने की सूचना पुलिस प्रमुख जोन ग्यूटीरेज को दी गई।

पुलिस ने कहा, ‘‘लापता व्यक्ति को लेकर सूचना: सीएसयूएसबी की छात्रा नितीशा कंदुला के बारे में अगर किसी के पास जानकारी है तो वह कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, सैन बेर्नार्डिनो पुलिस और हमारे सहयोगी लॉस एंजिलिस पुलिस विभाग को इसकी सूचना दें।’’

पुलिस ने अपनी सूचना में लापता छात्रा के हुलिए का भी वर्णन किया है और जानकारी देने वालों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

पिछले माह शिकागो से भी 26 वर्षीय भारतीय छात्र रूपेश चंद्र के लापता होने का मामला सामने आया था।

इससे पहले मार्च से लापता 25 वर्षीय भारतीय छात्र मोहम्मद अब्दुल अरफात अमेरिका के क्लीवलैंड में मृत पाया गया था। हैदराबाद का रहने वाला अरफात पिछले साल मई में क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी में आईटी में स्नातकोत्तर करने के लिए अमेरिका आया था।

मार्च में 34 वर्षीय प्रशिक्षित शास्त्रीय नृतक अमरनाथ घोष की मिसौरी के सेंट लुइस में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

दो फरवरी को 41 वर्षीय विवेक तनेजा पर वाशिंगटन में एक रेस्टोरेंट के बाहर जानलेवा हमला किया गया था।

 

न्यू ऑर्लियंस में एनएएफएसए वैश्विक शिक्षा सम्मेलन में भारत की धाक

न्यू ऑर्लियंस
 ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्यदूत डीसी मंजूनाथ का कहना है कि शैक्षिक आदान-प्रदान आपसी समझ, सीखने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए पुल की तरह काम करता है।

वह लुइसियाना के न्यू ऑर्लियंस में दुनिया का सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय वार्षिक शिक्षा कार्यक्रम ‘76वें असोसिएशन ऑफ इंटनेशनल एजुकेटर्स (एनएएफएसए)- 2024 सम्मेलन एवं एक्सपो’ में बोल रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने दो भारतीय मंडपों का उद्घाटन किया।

इस सम्मेलन का आयोजन 28 से 31 मई तक हुआ जिसमें 40 से अधिक प्रमुख सार्वजनिक और निजी शैक्षणिक संस्थानों के भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया और अपनी धाक जमाई।

इस आयोजन में भारत ने सबसे बड़े भागीदार के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान भारतीय शिक्षा की क्षमता पर प्रकाश डाला गया और अंतरराष्ट्रीय तथा भारत-अमेरिका सहयोग को बढ़ावा दिया गया।

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए उद्देश्य से आयोजित किए गए इस सम्मेलन में 110 से अधिक देशों के 10,000 प्रतिनिधि जुटे। महावाणिज्यदूत मंजूनाथ ने एक्सपो में ‘भारत में शिक्षा’ नाम के मंडप और भारत मंडप बूथ का उद्घाटन किया।

‘भारत में शिक्षा’ मंडप केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में एडसिल (इण्डिया) लिमिटेड की ओर से लगाया गया, जिसमें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और उच्च शिक्षा संस्थान शामिल रहे।

उद्घाटन सत्र में मंजूनाथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में एक मजबूत शिक्षा प्रणाली है जो उच्च गुणवत्ता वाली अनुसंधान सुविधाओं से सुसज्जित है।

मंजूनाथ ने कहा, ‘‘भारत में शिक्षा मंडप और भारत मंडप बूथ दोनों ही भारत के वैश्विक शिक्षा केंद्र बनने की प्रतिबद्धता और देश में उच्च शिक्षा के अवसरों का लाभ उठाने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के प्रयास को प्रतिबिंबित करते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘शैक्षिक आदान-प्रदान आपसी समझ, सीखने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण पुल का निर्माण करते हैं।’’

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button