अमेरिका में पढ़ने के लिए इंडियन स्टूडेंट्स को चाहिए F-1 या M-1 Visa
अमेरिका के H-1B Visa के नियमों में पिछले दिनों कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके बाद से ही, यह दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इंडियन स्टूडेंट्स को अमेरिका में पढ़ने और वहां काम करने के लिए H-1B या फिर F-1 में से किस वीजा की जरूरत होती है। साथ ही, यह भी बताएंगे कि USA में स्टूडेंट्स को कितने प्रकार के वीजा दिए जाते हैं तो आइए डिटेल में समझते हैं।
सबसे पहले तो अमेरिका में पढ़ने के लिए स्टूडेंट्स को दो तरह के वीजा प्रदान किए जाते हैं। इनमें F-1 और M-1 शामिल हैं। इसके तहत, जो लोग अमेरिका में रहकर फुल टाइम कोर्स के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, वे इनमें से किसी के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, एफ-1 उन छात्रों के लिए भी होता है, जो अंग्रेजी भाषा संस्थान में अंग्रेजी का अध्ययन करना चाहते हैं। यूएसए में वोकेशनल या फिर नॉन एकेडमिक सब्जेक्ट्स को पढ़ने के इच्छुक स्टूडेंट्स को एम-1 वीजा लेना पड़ता है। इसके बिना, वे इन कोर्सेज में एडमिशन नहीं ले सकते हैं।
पढ़ाई खत्म होने के बाद मिलता है एच-1बी वीजा में बदलने का मौका
पढ़ाई पूरी होने के बाद अक्सर एच-1बी वीजा में बदलाव का अवसर मिलता है। यह परिवर्तन ऑप्टिकल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) कार्यक्रम के माध्यम से किया जा सकता है। यह सुविधा एफ-1 या एम-1 वीजा धारकों के लिए उपलब्ध है। इससे विदेशी छात्रों को अगले कुछ वर्षों तक अमेरिका में काम करने का अवसर मिल पाता है।
क्या होता है H-1B Visa
पढ़ाई के बाद अमेरिका में नौकरी की ख्वाहिश रखने वाले कैंडिडेट्स के लिए H-1B Visa अहम होता है, क्योंकि इसी के आधार पर यूएसए में रहने और काम करने का मौका मिलता है। बता दें कि, H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिका की एम्प्लॉयर्स को विदेशी कामगारों को नियुक्त करने का मौका देता है। एच-1बी वीजा का संचालन यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) की ओर से किया जाता है। इस वीजा को पाने के लिए भारतीय ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग कड़ी मशक्कत करते हैं। हालांकि, इस पाना इतना आसान नहीं है। इसके लिए लंबे प्राेसेस और जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।