अमेरिका से लगातार वहां गैर कानूनी ढंग से रह रहे भारतीयों को रिपोर्ट किया जा रहा, एक और विमान आया भारत
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नई दिल्ली
अमेरिका से लगातार वहां गैर कानूनी ढंग से रह रहे भारतीयों को रिपोर्ट किया जा रहा है। यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। अमेरिका से पनामा भेजे गए 12 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक विमान रविवार शाम को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इमसें चार लोगों पंजाब के हैं। जिनमें से एक बटाला, एक गुरदासपुर, एक जालंधर और एक चंडीगढ़ का है। खास बात यह है कि इस बार इनकों अमेरिका ने खास विमान नहीं बल्कि आम प्लेन से भेजा है। इन सभी से भारतीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
अमेरिका ने अब तक कितने भारतीयों को वापस भेजा
अमेरिका अब तक तीन सैन्य विमानों के जरिए 332 भारतीयों को भारत भेजा है और आज आम विमान से 12 भारतीयों को भेजा है। इस तरह इनकी संख्या 344 हो गई है। अमेरिका से अवैध प्रवासियों को लाने वाली पहली फ्लाइट 5 फरवरी को भारत के अमृतसर में लैंड हुई। तब इसमें 104 लोग सवार थे, जिनमें 30 पंजाबी थे। इसके अलावा 15 फरवरी को 116 और 16 फरवरी को 112 भारतीयों को लेकर भी अमेरिकी सैन्य उड़ानें भारत पहुंची थीं।
तो अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय दक्षिण अमेरिकी देश कैसे पहुंचे?
अमेरिकी मीडिया की पिछले कुछ दिनों की रिपोर्ट्स को देखा जाए तो सामने आता है कि अमेरिका तीन अलग-अलग देशों से एक समझौता कर चुका है। इसके तहत अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को पहले दूसरे देश में रखा जा रहा है, जो कि ट्रांजिट पॉइंट के तौर पर तय किया गया है। यह देश निर्वासित प्रवासियों को अपने यहां रखने का जिम्मा उठा रहे हैं। अमेरिका से आने के कुछ दिन बाद उन्हें अपने-अपने देशों में भेजा जा रहा है।
अमेरिका से निर्वासित कर कौन-कौन से देशों में भेजे जा रहे भारतीय?
अमेरिका ने जिन देशों में निर्वासित किए गए लोगों को रखने का समझौता किया है, उनमें पनामा, ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने इन देशों से प्रवासियों को वापस भेजने में मदद देने की भी बात कही है। पनामा में दूसरे देशों के करीब 300 प्रवासियों को अस्थायी तौर पर रखा जा रहा है। इन्हें पनामा के डेरियन जंगलों में एक दूर के शरणार्थियों के लिए तय किए गए होटल में रखा गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो पनामा ने इन प्रवासियों को डैकेपोलिस नाम के एक होटल में रखा है। यहां लोगों को अपने कमरे तक छोड़ने की इजाजत नहीं है। बुधवार को इसी होटल की खिड़की से कुछ अप्रवासियों को हाथ हिलाकर मदद मांगते देखा गया था। मीडिया के सामने इन लोगों ने खुद को बचाने की गुहार भी लगाई थी।
पनामा सरकार ने इन होटलों में कमरों के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात किए हैं, ताकि अमेरिका से लाए गए लोगों को बाहर निकलने से रोका जा सके। हालांकि, सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो का कहना है कि प्रवासियों को हिरासत में नहीं रखा गया है। अब्रेगो ने कहा कि पनामा के नागरिकों की सुरक्षा के लिए इन लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। लेकिन हम उनके लिए खाने, मेडिकल और अन्य सेवाओं की व्यवस्था कर रहे हैं।