इस्लामाबाद पहुंचे ईरान के विदेश मंत्री, 9 हत्याओं के बाद कैसे मानेगा पाकिस्तान?

इस्लामाबाद
 'जैसे को तैसा हमलों' के बाद संबंधों में आए तनाव के बीच ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन पाकिस्तान पहुंच गए हैं. अपने पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी के निमंत्रण पर इस्लामाबाद पहुंचे हुसैन अमीर का नूर खान एयरबेस पर अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया के लिए पाकिस्तान के अतिरिक्त विदेश सचिव रहीम हयात कुरेशी ने स्वागत किया.

अपनी यात्रा के दौरान, अब्दुल्लाहियन पाक विदेश मंत्री जिलानी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे और पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर से भी मुलाकात करेंगे. अब्दुल्लाहियन संबंधों को पटरी पर लाने के लिए अपने पाकिस्तानी समकक्ष जिलानी से बात करेंगे. वहीं लोन के मुद्दे को लेकर वह पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर से चर्चा करेंगे.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज ज़हरा के अनुसार, 'ईरान के विदेश मंत्री पाकिस्तानी विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी के निमंत्रण पर इस्लामाबाद पहुंचे हैं. यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन विदेश मंत्री जिलानी के साथ गहन बातचीत करेंगे और प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे.'

नौ लोगों को गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान और ईरान द्वारा एक-दूसरे पर की गई एयर स्ट्राइक के कुछ दिन बाद शनिवार को अज्ञात हमलावर ने पाकिस्तान से सटे हुए ईरान की दक्षिणपूर्वी सीमा क्षेत्र में  नौ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना का पुष्टि ईरान में पाकिस्तान के राजदूत ने की है. वहीं, ईरानी मीडिया का कहना है कि पुलिस उन तीन बंदूकधारियों की तलाश कर रही है, जो गोलीबारी के बाद मौके से फरार हो गए थे.

ईरान ने की थी एयर स्ट्राइक

आपको बता दें कि पाकिस्तान और ईरान के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं. 16 जनवरी को, तेहरान ने दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे और कहा था कि उसके निशाने पर जैश अल-अद्ल नामक संगठन के ठिकाने थे जिसके आतंकवादी पाकिस्तान की सरजमीं से ईरान में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे.

पाकिस्तान ने भी किया था हमला

18 जनवरी को पाकिस्तान ने जवाबी हमला करते हुए ईरान के अंदर अटैक किया. इसके बाद बयान जारी करते हुए पाकिस्तानी सेना ने कहा कि 'मर्ग बर सरमाचर' नाम का अभियान चलाकर आतंकी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) को निशाना बनाया और आतंकियों को मार गिराया.'

जियो न्यूज के अनुसार, 'जैसे को तैसा हमले' हाल के वर्षों में सीमा पार से होने वाली सबसे बड़ी घुसपैठ थी और 7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से मध्य पूर्व में व्यापक अस्थिरता को लेकर चिंता बढ़ गई है. हाल ही में, पाकिस्तान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि ईरान हालात को नियंत्रण में करने और आतंकवाद के खिलाफ अभियान में सहयोग करने पर सहमत हुआ है. पाकिस्तानी मंत्री ने अपने ईरानी समकक्ष अब्दुल्लाहियन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और दोनों देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर जोर दिया.

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