क्या चीन टुकड़ों में बंटने वाला है, धरती के नीचे ऐसे हलचल हो रही है कि चाइना में दरारें पड़ रही हैं

बीजिंग

जिस तरह अफ्रीका में द ग्रेट रिफ्ट वैली है. वैसे ही चीन के शांसी प्रांत में भी विशालकाय दरारें हैं. अफ्रीका का हॉर्न वाला इलाका टूटकर महाद्वीप से अलग हो जाएगा. पर क्या चीन में भी ऐसा ही होगा. क्योंकि शांसी प्रांत में मौजूद विशालकाय दरारों को देखकर तो यही लगता है. इन्हें शांसी रिफ्ट सिस्टम (Shanxi Rift System) कहते हैं.

उत्तरी चीन के ओरडोस ब्लॉक में यह रिफ्ट सिस्टम है. यानी यहां पर आपको जमीन के ऊपर विशालकाय दरारें देखने को मिलेंगी. ये दरारें धरती के नीचे क्रस्ट (Crust) में आने वाले बदलाव की वजह से बनती है. ओरडोस ब्लॉक का 900 किलोमीटर का इलाका इन दरारों से पटा पड़ा है.

ये दरारें दक्षिण-दक्षिणपश्चिम से लेकर उत्तर-उत्तरपूर्व तक फैली हैं. इन दरारों की वजह से बनी घाटियों में 2 से लेकर 3.8 किलोमीटर चौड़ी और मोटी मिट्टी की परत जमी है. चीन के ऐतिहासिक दस्तावेजों की जांच पड़ताल में पता चलता है कि इन दरारों ने लाखों लोगों की जान ली है. क्योंकि इनकी वजह से कई खतरनाक भूकंप आए हैं.

इन दरारों ने कब-कब मचाई तबाही

शांसी रिफ्ट सिस्टम ने सैकड़ों सालों में कई बड़े भूकंप के झटके चीन को दिए. 1303 में हॉन्गडोंग में आए भूकंप में करीब 2 लाख लोग मारे गए थे. 1556 में शांसी में आए भूकंप से 8.30 लाख लोग मारे गए. 1626 में लिंगक्यू के भूकंप ने 5300 लोगों की जान ली. 1695 में लिनफेन में आए भूकंप से 52 हजार से ज्यादा लोग मारे गए. आखिरी बड़ा भूकंप 1815 में पिंग्लू में आया था, जिसमें 13 हजार लोग मारे गए थे.

कितने लंबे-चौड़े इलाके में फैली हैं ये दरारें

शांसी रिफ्ट सिस्टम करीब 900 किलोमीटर इलाके में फैली हैं. दक्षिण में क्विनलिंग से लेककर उत्तर में यानशान बेल्ट तक. इनकी चौड़ाई 40 किलोमीटर से लेकर 120 किलोमीटर तक है. इन दरारों की वजह से बड़े-बड़े बेसिन बने हैं. जैसे- वीही बेसिन, शानमेंजिया बेसिन, युंगचेंग बेसिन, लिनफेन बेसिन, ताइयुवान बेसिन, शिनडिंग बेसिन और डाटोंग बेसिन. यहां पर आमतौर पर 6 तीव्रता के भूकंप आते हैं.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button