प्रदूषण की मार से लाहौर बेहाल, AQI 1900 के पार, मरीजों से भरे अस्पताल…

लाहौर

पाकिस्तान का ऐतिहासिक शहर इन दिनों एक बड़ी परेशानी से गुजर रहा है. लाहौर में वायु प्रदूषण चरम सीमा पर पहुंच गया है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हाल ही में 1900 तक पहुंच गया है. लाहौर में रिकॉर्ड स्तर के वायु प्रदूषण ने गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है, जिससे अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर लोगों ने मास्क नहीं पहना और प्रशासनिक आदेशों का पालन नहीं किया, तो पूरे शहर में लॉकडाउन की स्थिति बन सकती हैं.

ऑलामा इकबाल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल फैसल असगर नकी ने यहां की प्रदूषण की स्थिति को चिंताजनक बताया. वहीं, एक मरीज हसन अख्तर ने बताया कि उन्हें फ्लू और सीने में इंफेक्शन है. उनका मानना है कि इसकी वजह तेजी से घट रहे पेड़-पौधे और वाहनों से निकलता धुआं है. हसन ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार को हरियाली बढ़ाने, वाहन सुधारने और तकनीकी बदलाव लाने की जरूरत है. ये तो हो गई पाकिस्तान के अस्पतालों की हालत. अब जानेंगे कि आखिर पाकिस्तान में ये हालात कैसे पैदा हो गएं.
लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स

लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स लोगों की सेहत के लिए काफी खराब है. वहीं इसपर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ते प्रदूषण से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जो सांस संबंधी बीमारियों से काफी परेशान हैं. वहीं इस पर पंजाब सरकार ने लोगों को फेस मास्क पहनने, अनावश्यक बाहर न निकलने और बच्चों व बुजुर्गों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी है.
ग्रीन लॉकडाउन की स्थिति

लाहौर में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, और वाहनों व निर्माण कार्यों पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसके अलावा, सरकारी दफ्तरों के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ‘ग्रीन लॉकडाउन’ के तहत घर से काम करने की अनुमति दी गई है. सरकार ने यह भी कहा है कि जो क्षेत्र “ग्रीन लॉकडाउन” का पालन नहीं करेंगे, वहां पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या कह रहें विशेषज्ञ?

वहीं विशेषज्ञों की मानें तो लाहौर का प्रदूषण स्तर इतनी तेजी से बढ़ने का कारण आसपास के इलाकों में होने वाली पराली जलाने की घटनाएं हैं. पंजाब की सूचना मंत्री अजमा बुखारी ने इस पर कहा कि भारत से आने वाली हवाएं लाहौर में प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय शहर अमृतसर और चंडीगढ़ की ओर से आने वाली हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, और आने वाले कुछ दिनों तक यह स्थिति बने रहने की संभावना है.
लाहौर प्रशासन उठा रहा ये कदम

लाहौर प्रशासन ने प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए कृत्रिम वर्षा कराने की योजना पर भी विचार किया है ताकि वायु की गुणवत्ता में सुधार हो सके. साथ ही, पंजाब के मुख्यमंत्री ने भारत के पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर प्रदूषण की इस गंभीर समस्या पर चर्चा करने की योजना बनाई है. लाहौर को कभी हरियाली और बाग-बागीचों का शहर माना जाता था, लेकिन तेजी से शहरीकरण और हरियाली में गिरावट के कारण यहां वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बन गया है.

WHO के लिमिट से भी 122 गुना ज्यादा

    कई दिनों से शहर के 1.4 करोड़ लोग धुंध से प्रभावित हैं। स्विस वायु गुणवत्ता मानीटर आइक्यूएयर घातक पीएम 2.5 प्रदूषकों के स्तर 613 पर पहुंच गया।
    यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य के लिए खराब माने जाने वाले स्तर से 122.6 गुना अधिक है।

अब हरकत में आई सरकार

पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार ने एक सप्ताह के लिए प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया है और अभिभावकों को सलाह दी है कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है।

औरंगजेब ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 50 फीसद कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

लाहौर में वायु प्रदूषण का अब तक का रिकॉर्ड

सरकार ने एक एडवाइजरी भी जारी की जिसमें लोगों से घर के अंदर रहने, दरवाजे और खिड़कियां बंद रखने और जब तक आवश्यक न हो यात्रा करने और घर से बाहर जाने से बचने का आग्रह किया गया।

भारत पर फोड़ा ठीकरा

मंत्री औरंगजेब ने वायु प्रदूषण की इतनी खराब स्थिति का कारण पड़ोसी भारत को बताया। उन्होंने कहा कि इस वायु प्रदूषण का कारण भारत से आने वाली हवाएं हो सकती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत के साथ बातचीत के बिना इसे हल नहीं किया जा सकता है। प्रांतीय सरकार पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के माध्यम से अपने बड़े पड़ोसी के साथ बातचीत शुरू करेगी।

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