मध्य प्रदेश सरकार अब महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के 20 से अधिक शहरों में पिंक बसें शुरू करने जा रही

इंदौर
मध्य प्रदेश सरकार अब महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के 20 से अधिक शहरों में पिंक बसें शुरू करने जा रही है। इसमें चालक, परिचालक और यात्री सभी महिलाएं होंगी। इनमें इंदौर भी शामिल है। हालांकि इंदौर में पहले से महिला स्पेशल पिंक बसें चल रही हैं। पिछले तीन वर्षों से बीआरटीएस कारिडोर में दो पिंक बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें हर दिन 500 से अधिक महिलाएं सुरक्षित सफर कर रही हैं। इंदौर में एक संस्था ऐसी भी है, जो महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना रही है।

एआइसीटीएसएल द्वारा जून 2021 में बीआरटीएस कारिडोर पर दो पिंक बसों का संचालन शुरू किया गया था। इनमें सिर्फ महिला यात्रियों को ही सफर करने अनुमति है। ड्राइवर और टिकट चेकर भी महिला ही होती हैं। पीआरओ माला ठाकुर ने बताया कि एक संस्था के साथ मिलकर आइ-बस को मोडिफाइड कर पिंक बस में बदला गया था। पिछले तीन वर्षों से ये बसें चल रही हैं। बसों में हर दिन 400 से 500 महिलाएं सफर कर रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या कालेज छात्राओं की है। सुबह 7 बजे से देर रात तक इन बसों का संचालन होता है। मांग बढ़ने पर बसें और बढ़ाई जाएंगी।

नौ वर्षों से तैयार हो रहीं महिला ड्राइवर
सामाजिक संस्था समान सोसायटी ने वर्ष 2015 में महिला ड्राइवर और मैकेनिक की निश्शुल्क ट्रेनिंग शुरू की थी। संस्था के राजेंद्र बंधु ने बताया कि शुरुआत में दर्जनभर महिलाएं कमर्शियल ड्राइवर की ट्रेनिंग के लिए आगे आईं। इसके बाद संख्या बढ़ती गई। वर्तमान में इस सोसायटी से ट्रेनिंग लेकर 500 से अधिक महिलाएं कैब, ई-रिक्शा, पर्सनल ड्राइवर आदि का काम कर रही हैं। एआइसीटीएसएल की पिंक बस में भी सोसायटी से प्रशिक्षित महिलाएं ड्राइविंग कर रही हैं।

दो साल में बन गए 50 हजार लाइसेंस
आरटीओ के अनुसार कुछ वर्ष पहले तक काफी कम संख्या में महिलाओं के लाइसेंस बनवाने के आवेदन आते थे, लेकिन पिछले चार वर्षों से महिलाओं के आवेदन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बीते दो साल ही में लगभग 50 हजार लाइसेंस महिलाओं के बने हैं। इनमें कमर्शियल लाइसेंस भी शामिल हैं।

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