राहुल गांधी के आरक्षण समाप्त करने वाले बयान पर भड़कीं मायावती
नई दिल्ली
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा आरक्षण को लेकर अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में दिए गए बयान को लेकर राजनीति तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और एलजेपीआर के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा आरक्षण को खत्म करना तो दूर, सोचना भी अपराध है. इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनके नाटक से सतर्क रहने की जरूरत है.
चिराग पासवान ने कहा कि आज राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है. कांग्रेस चाहती है कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए और ये उनकी प्राथमिकताओं में रहा है. संवैधानिक व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए आरक्षण जरूरी है. ऐसे में आरक्षण को समाप्त करना तो दूर कोई उस प्रावधान से छेड़छाड़ करने की भी नहीं सोच सकता.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरक्षण को लेकर दिए गए बयान को लेकर पलटवार किया है। अमेरिकी दौरे पर गए राहुल गांधी ने कहा है कि जब कभी भारत बेहतर स्थिति में होगा, तब कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी। इस पर मायावती ने कहा कि ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोग राहुल गांधी के इस नाटक से सतर्क रहे। कांग्रेस पार्टी सत्ता में आते ही आरक्षण खत्म कर देगी। संविधान और आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से लोग जरूर सजग रहें।
मायावती ने राहुल गांधी के बयान को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई पोस्ट किए। उन्होंने लिखा है- 'केंद्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया। देश में जातीय जनगणना कराने की आड़ में यह पार्टी सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी। अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है।'
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेसी मानसिकता वाले लोग जनता को गुमराह करने के लिए ऐसे बयानों का इस्तेमाल करते आए हैं. आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस का चुनावी जुमला है, जिससे हम सबको सावधान रहने की जरूरत है. केंद्र में लंबे अरसे तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ना तो जातीय जनगणना करा पाई और ना ही ओबीसी आरक्षण को ही लागू कर पाई. इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सोच शुरू से आरक्षण विरोधी रही है.
उन्होंने कहा कि आरक्षण समाप्त करने की साजिश का दोषारोपण ये दूसरों पर करते हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये मानसिकता इन लोगों की ही है. दोनों गठबंधनों में कितना फर्क है कि एक ओर नेता प्रतिपक्ष आरक्षण समाप्त करने की सोच रखते हैं तो दूसरी तरफ एनडीए के सर्वमान्य नेता आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी आरक्षण के सभी प्रावधान को वैसे ही लागू रखने के लिए कृतसंकल्प हैं.
मायावती ने भी राहुल गांधी पर बोला हमला
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी को लेकर कहा था कि उनके नाटक से सतर्क रहने की जरूरत है. पूर्व सीएम ने कहा कि केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है. इनके इस नाटक से सचेत रहें, जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया था. उनसे पूछा गया था कि देश में जाति के आधार पर आरक्षण कब तक जारी रहेगा? इस पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी. फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब आप वित्तीय आंकड़े देखते हैं तो पता चलता है कि आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है, वास्तविकता यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है. समस्या यह है कि देश के 90 फीसदी लोगों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं. देश के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें. मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं. मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं. मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है.