मंत्री परमार ने ली जिले की समीक्षा बैठक, कहा- परीक्षा परिणाम बिगड़ा तो शिक्षक होंगे जिम्मेदार

बड़वानी

मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के प्रभारी मंत्री इन्दरसिंह परमार  जिले के दौरे पर थे। इस दौरान मंत्री परमार ने कलेक्टर कार्यालय के सभागृह में कई विभागों की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक के दौरान प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग के मंत्री परमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन द्वारा संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों को मिले, इसके लिए समस्त विभाग के अधिकारी प्रयास करें। इसके साथ ही जहां कोई समस्या हो वहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर कार्य करें। जिससे जिले का सम्पूर्ण विकास हो और बड़वानी जिला न केवल राज्य में बल्कि देश के अग्रणी जिलों में शामिल हो सके। वहीं, इस बैठक में राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी सहित पानसेमल और बड़वानी विधायक एवं जिले के सभी विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

परीक्षा परिणाम बिगड़ा तो शिक्षक होंगे जिम्मेदार
जिले के कलेक्टर सभागृह में हुई प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान जनजातीय कार्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। जिसमें मंत्री ने निर्देशित किया कि सभी छात्रावासों एवं आश्रमों में विद्यार्थियों को अच्छी सुविधाएं और व्यवस्था मिले। साथ ही छात्रावासों का नियमित निरीक्षण भी जिला अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि जिस भी स्कूल का परीक्षा परिणाम बिगड़ता है तो वहां के पदस्थ शिक्षक ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे। इसलिए सभी एसडीएम, डीपीसी एवं बीआरसी शिक्षकों की बैठक लेकर उन्हें इसको लेकर निर्देशित करें, जिससे जिले का परीक्षा परिणाम अच्छा रहे।

सिकलसेल एनीमिया के लिए जनप्रतिनिधि करें जागरूक
बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री परमार ने जल निगम एवं पीएचई विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की एवं अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लोग यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत गांवों में सभी को पीने का साफ पानी मिले। वहीं मंत्री ने कहा कि सिकलसेल एनीमिया को दूर करने के लिए जनजागरण का पक्ष मजबूत करने की आवश्यकता है। इसको लेकर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से भी सिकलसेल के प्रति जनता को जागरूक करने की अपील की।

जैविक खेती करने वाले किसानों का कराएं मिट्टी परीक्षण
समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री परमार ने कृषि विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। उसके बाद उन्होंने उपसंचालक कृषि को निर्देशित किया कि किसानों को जैविक खेती के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। यही नहीं, जो किसान जैविक खेती कर रहे हैं, उनसे अन्य किसानों को मिलवाया जाए। साथ ही उनकी मिट्टी का परीक्षण कर उन्हें बताया जाए कि जैविक खेती से उनकी मिट्टी की उर्वरक शक्ति कितनी बढ़ी हुई है। वहीं मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कार्यों की समीक्षा के दौरान मंत्री परमार ने अधिकारियों से जानकारी ली कि कितने किसानों को अस्थाई एवं स्थाई कनेक्शन दिये गये हैं। साथ ही जमीनी स्तर पर किसानों को होने वाली असुविधाओं को देखते हुए उसे सुलझाने का प्रयास करने को निर्देशित किया। वहीं किसानों को सोलर पंप लगाने हेतु प्रेरित करने के लिए भी अभियान चलाने को लेकर चर्चा की गई।

 

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