स्थानीय चुनावों के खराब नतीजों के बाद दबाव में प्रधानमंत्री सुनक, 40 साल में पार्टी का सबसे बुरा प्रदर्शन

स्थानीय चुनावों के खराब नतीजों के बाद दबाव में प्रधानमंत्री सुनक, 40 साल में पार्टी का सबसे बुरा प्रदर्शन

भारत-अमेरिकी समूह ने अमृतसर के विकास के लिए दिए 100 मिलियन डॉलर, प्रवासी भारतीयों की अनूठी पहल

फिलीपींस ने चीन के राजदूत को भेजा समन, दक्षिण चीन सागर में नौसैनिकों पर हुए हमले पर जताई नाराजगी

लंदन
 चुनाव में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, स्थानीय चुनावों के खराब नतीजों के बाद रातोंरात स्थिती बदल गई है। इन चुनाव नतीजों को 40 साल में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी का सबसे बुरा प्रदर्शन बताया जा रहा है।

खुद के नेताओं का झेलना होगा विरोध!
कंजर्वेटिव पार्टी विपक्ष की लेबर पार्टी से पीछे छूटती दिखाई पड़ रही है। इतना ही नहीं ब्लैकपूल दक्षिण उपचुनाव में टोरी को मिले बहुमत भी पलट गया है। ऐसे में विपक्षी दल को लाभ मिलने के बाद भारतीय मूल के नेता सुनक को खुद की पार्टी के लोगों का विरोध झेलना पड़ सकता है। यह संभावना जताई जा रही है।

स्टर्मर ने एक प्रचंड जीत करार दिया
आम चुनाव से पहले उपचुनाव के आए नतीजे को लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टर्मर ने एक प्रचंड जीत करार दिया। साथ ही उन्होंने इस नतीजे को पार्टी के पक्ष में एक समग्र चुनावी जनादेश के रूप में घोषित किया।

ब्लैकपूल पूरे देश की आवाज
उपचुनाव को लेकर स्टर्मर ने कहा, 'ब्लैकपूल पूरे देश की आवाज है। यहां के लोगों को ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को सीधा संदेश भेजने का मौका मिला और उनका संदेश था कि वह बदलाव के लिए वोट कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि सुनक के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि अब बदलाव का समय है। आम चुनाव का समय है।

सबसे खराब प्रदर्शन
दरअसल, ब्लैकपूल साउथ में लेबर उम्मीदवार क्रिस वेब ने कंजर्वेटिव के नेता डेविड जोन्स को उस निर्वाचन क्षेत्र में हराया, जहां टोरी ने साल 2019 में जीत उपलब्ध की थी। प्रख्यात सर्वेक्षक प्रोफेसर जॉन कर्टिस ने का कहना है, 'हम पिछले 40 वर्षों में स्थानीय सरकार के चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी के सबसे खराब प्रदर्शन को देख रहे हैं।'

भारत-अमेरिकी समूह ने अमृतसर के विकास के लिए दिए 100 मिलियन डॉलर, प्रवासी भारतीयों की अनूठी पहल

वाशिंगटन
 प्रवासी भारतीयों ने भारतीय शहर के विकास के लिए पहली पहल की है। इसके तहत उन्होंने अमृतसर के सामाजिक और आर्थिक विकास के स्टार्टअप के लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) और यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के सहयोग से, अमेरिका में रहने वाले प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों और भारतीयों के एक समूह ने वाशिंगटन के मैरीलैंड उपनगर में अपनी पहली बैठक की। जिसमें अमृतसर के विकास के लिए समिति का गठन करेंगे। इसके लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे।

अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू जो कि वापस अमृतसर लौट आए हैं, उन्होंने इसकी शुरूआत की है। अमृतसर आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। संधू ने सेवानिवृत्ति के बाद भारत लौटने पर अमृतसर से भाजपा ज्वाइन कर ली। यही नहीं वे यहां के लोकसभा उम्मीदवार भी बन गए। उन्होंने शहर में प्रतिष्ठित भारतीय प्रवासी सदस्यों का एक सम्मेलन भी आयोजित किया। इस सम्मेलन में अमेरिका के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों ने प्रतिभाग किया। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी अमेरिका आए। इस सम्मेलन में सह-मेजबानी फिक्की के साथ की गई।

वाशिंगटन के मैरीलैंड में एक बार फिर इस विषय पर बैठक हुई। जिसमें अमृतसर के भारतीय अमेरिकी संजीव लखनपाल की अध्यक्षता में विकसित अमृतसर पहल के गठन की घोषणा हुई। मुकेश अघी ने बताया कि इसका उद्देश्य अमृतसर में उद्यमियों को सलाह और उनके सामाजिक रूप से स्टार्टअप को सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि अमृतसर स्टार्टअप में निवेश करने के लिए लगभग सौ मिलियन डॉलर एकत्र किए हैं। 250 से अधिक आवेदन हैं जिनकी समीक्षा कर उनका चयन करेंगे। ताकि अधिक स्टार्टअप अमृतसर में अधिक नौकरियाँ पैदा करें।

उन्होंने बताया कि यह स्टार्टअप खेती और कृषि, उद्योग और वाणिज्य, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यटन और गृह निर्माण के क्षेत्र में हो सकते हैं। मेरे समूह की ओर से अमृतसर में स्टार्टअप्स में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक के निवेश किए जाएंगे। वहीं विकसित अमृतसर पहल के संस्थापक संजीव लखनलाल ने कहा कि हमारे पास अमृतसर में राजदूत तरणजीत जैसा साझेदार है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं क्योंकि हम अपने संसाधन और प्रयास अमृतसर में लगा रहे हैं। वहीं संधू ने कहा कि अमृतसर की कनेक्टिविटी और सर्वांगीण विकास का दायरा बहुत बड़ा है।

 

फिलीपींस ने चीन के राजदूत को भेजा समन, दक्षिण चीन सागर में नौसैनिकों पर हुए हमले पर जताई नाराजगी

बीजिंग
फिलीपींस ने चीन के राजदूत को समन जारी किया है। दरअसल बीते दिनों चीन की नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के एक जहाज पर पेट्रोलिंग के दौरान वाटर कैनन से तेज प्रेशर के साथ पानी की बौछार की थी। फिलीपींस की सरकार ने इस पर नाराजगी जताई है। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने चीन के राजदूत झोउ जियोंग को समन भेजा है।

दरअसल दक्षिण चीन सागर में स्थित शोआल द्वीप पर फिलीपींस अपना दावा जताता है। इस द्वीप पर फिलीपींस के कुछ सैनिक भी तैनात हैं। इन सैनिकों को फिलीपींस द्वारा नौकाओं के जरिए राशन आदि सामान पहुंचाया जाता है। चीन को इस पर आपत्ति है क्योंकि वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है। इसके चलते चीन की नौसेना कई बार फिलीपींस के जहाज पर वाटर कैनन से हमला कर चुकी है। ताजा मामला दो दिन पुराना है। अब फिलीपींस की सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है।

 

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