राहुल गांधी ने संसद में वीर सावरकर पर की टिप्पणी, एनडीए सांसदों ने लगाया फेक नैरेटिव फैलाने का आरोप

नई दिल्ली।

लोकसभा में शनिवार को संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और वीर सावरकर पर निशाना साधते हुए सदन में संविधान मनुस्मृति की प्रतियां लहराईं। उन्होंने सत्ता पक्ष से पूछा कि आपके नेता ने संविधान की जगह मनुस्मृति से देश चलाने की वकालत की थी। इस पर शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और भाजपा के पी.पी. चौधरी ने कांग्रेस पार्टी पर संविधान की हत्या करने का आरोप लगाया।

श्रीकांत शिंदे ने कहा, "राहुल गांधी ने संविधान छोड़कर सभी मुद्दों पर बात की। वह जो हर समय सावरकर जी को गाली देने का काम करते हैं, उन्होंने आज भी वही किया। लेकिन, मैंने उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधा का पत्र उनको दिखाया। उनको यह बात पता नहीं थी कि इंदिरा गांधी के विचार सावरकर के लिए क्या थे। आज उनको पता चला, इसलिए वह तिलमिला उठे। उनको लगा कि यह बात उन्हें पता ही नहीं थी। वह संविधान को हाथ में पकड़ने के नाम पर कोरे कागज लेकर घूम रहे थे। लोगों में फेक नैरेटिव फैलाने का काम उन्होंने लोकसभा चुनाव में किया। वह नैरेटिव सिर्फ लोकसभा चुनावों तक चला। इसके बाद लोगों ने इन्हें हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में उठाकर राज्य के बाहर फेंक दिया।" भाजपा सांसद पी.पी. चौधरी ने कहा, "कांग्रेस सरकार में जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी से होते हुए मनमोहन सिंह तक सभी ने सरकारों को भंग किया। इंदिरा गांधी के समय सबसे ज्यादा सरकारें भंग हुईं। हर साल करीब तीन सरकार भंग होने का औसत रहा। इससे बड़ा संविधान पर हमला क्या हो सकता है। हमेशा जवाहर लाल नेहरू चाहते थे और कांग्रेस भी चाहती है कि न्यायिक व्यवस्था उनके नीचे रहे। न्यायिक व्यवस्था स्वतंत्र न रहे। सबसे पहले न्यायाधीश कानिया जब रिटायर हुए तो उस समय भी नए सीजेआई बनाने में कांग्रेस सरकार ने वरिष्ठता के पैमाने को दरकिनार कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने संविधान का सबसे ज्यादा मजाक उड़ाया है।

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