नगर परिषद के विस्थापित दुकानदारों को निशुल्क दुकानें निर्माण कर दी जाए। दुकानदार यूनियन

कैलारस
 नगर के 209 दुकानदारों की दुकान वर्ष 2012 में तत्कालीन स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अवैधानिक रूप से दुकानें तोड़ दी गई, उन्हें नोटिस भी नहीं दिए गए। दुकानदारों के मामले में पहले उच्च न्यायालय एवं बाद में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कंपनी की जमीन को सरकारी व नगर परिषद की मान्य करते हुए फैसला दिया है। साथ ही दुकानदारों को नुकसान का एक-एक लाख रुपये मुआवजा और जांच कर अवैधानिक रूप से दुकान तोड़ने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने का आदेश दिए है। इस मामले में 12 वर्षों से संघर्ष कर रहे दुकानदारों की ऐतिहासिक जीत हुई है। अब दुकानदार नगर परिषद से तत्काल और निशुल्क दुकानें बनाकर देने की मांग कर रहे हैं। विस्थापित दुकानदारों की मांग है कि उन्हें पुनर्वास योजना के अंतर्गत निशुल्क दुकानें प्रदाय की जाए। क्योंकि उनकी प्रीमियम राशि बर्ष 1993 से जमा है।

यह संबंध में दुकानदारों ने पहाड़गढ़ तिराहे से रैली निकाल कर नगर परिषद कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और सात सूत्रीय मांग पत्र मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं अध्यक्ष के नाम से दिए गए हैं। मांगें पूरी नहीं होने पर उन्होंने आगामी दिनों में आंदोलन तेज करने का भी आव्हान किया है।

इस कार्यवाही का नेतृत्व सर्वश्री अशोक तिवारी पूर्व नपाध्यक्ष, राजेश गुप्ता पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष, संतोषी लाल मंगल कोल्हूडाडा वाले, दुर्गेश गोड, ओमप्रकाश श्रीवास,  राजवीर सिंह धाकड़,  इब्राहिम शाह पूर्व पार्षद, पूरनलाल गुप्ता, कमल गुप्ता, बल्लू मामा ,अनवर खान, बीरबल धाकड़, लक्षी धाकड़ आदि ने किया। ज्ञापन में सात मांगें जो रखी गई है, उनमें निशुल्क दुकान देने, बड़ी साइज की दुकान , प्राइम लोकेशन पर देने और बरन्डा बना कर देने, सड़क की चौड़ाई समुचित रखने ,किराया पूर्ववत रखने, जिन दुकानदारों के नामांतरण नहीं हुए हैं। उनके नामांतरण तत्काल  करने आदि मांगें रखी गई है।
दुकानदारों ने आगामी आंदोलन के रूप में 6 जनवरी को नगर परिषद कार्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है।

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