एनजीटी की सख्ती : नवाब सिद्दीक हसन तालाब में बने मकानों को तोड़ने पहुंची नगर निगम की टीम

भोपाल

राजधानी में  नगर निगम द्वारा शाहजहांनाबाद स्थित नवाब सिद्दीक हसन खां तालाब को अतिक्रमणमुक्त बनाने के लिए यहां अवैध रूप से बने भवनों को तोड़ने की कार्यवाही शुरू करने के लिये नगर निगम की टीम पहुंच गयी है। यह कार्रवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर की जा रही है।  इस मौके पर घटना स्थल पर पुलिस के जवान, बिल्डिंग परमीशन के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित हैं।

शुरूआत इन मकानों से होगी
तालाब में बने मकानों में से जिनको पहले चरण में हटाया जाना है उनमें फातिमा बेगम , शहादत अली, शेख जमील, मंसूर अहमद और मो. रईस के मकान हैं। इस संबंध में जोन पांच के प्रभारी अवधनारायण मकोरियाने बताया कि इनके मामले में कोर्ट का फैसला आ चुका है। गौरतलब है कि इस तालाब को तेजी से पूरने का काम किया जा रहा है और इसमें काफी मकान बन चुके हैं। इन सभी का सर्वे किया जा चुका है और तालाब को बचाने का काम शुरू किया जा रहा है।

यह  है पूरा मामला
नवाब सिद्दीक हसन तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में अलग-अलग याचिका लगाई गई हैं। 2014 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जबकि 2018 में एनजीटी में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट और एनजीटी दोनों ही तालाब की जमीन से अवैध निर्माणों को हटा तालाब को मूल स्वरूप में लाने का आदेश सुना चुके हैं। हाईकोर्ट का हालिया आदेश नौ फरवरी 2023 को आया जबकि एनजीटी का आदेश 16 जून 2021 को आया था। इन्हीं आदेशों के तहत अब निगम तालाब की जमीन पर बने मकानों को तोड़ने की तैयारी में है।

यह होगा आगे : शुरूआती कार्रवाई में पांच अवैध निमार्णों को तोड़ा जाना है। अहम बात ये है जो पांच अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं, वह एक से डेढ़ हजार वर्गफीट से भी अधिक क्षेत्रफल में बने हुए हैं। साथ इसमें भूतल के साथ प्रथम, द्वितीय व तृतीय तल में भी निर्माण किया गया है।  एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेश पर नवाब सिद्दीक हसन खां तालाब की जमीन पर बने अवैध मकानों को तोड़ा जा रहा है।

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