सबके उपचार का पुख्ता प्रबन्ध: पीएम जन-मन में 7 लाख से अधिक पीवीटीजी आबादी के बने आयुष्मान कार्ड

भोपा
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के विशेष प्राथमिकता से आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। प्रदेश में निवासरत बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजातियां पीवीटीजी में आती हैं। नवम्बर 2024 के अंत तक पीवीटीजी समुदाय की कुल 7 लाख 85 हजार 324 लक्षित आबादी में से 7 लाख 969 आबादी के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। लक्ष्य के विरूद्ध करीब 90 प्रतिशत सफलता हासिल कर ली गई है।

जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बताया कि पीवीटीजी समुदाय के सभी जनजातीय बंधुओं के बड़ी तेजी से आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। अब तक 7 लाख से अधिक पीवीटीजी आबादी के कार्ड बनाये जा चुके हैं। इससे अब इन सबको 5 लाख रूपये तक के नि:शुल्क उपचार की स्थायी सुविधा उपलब्ध हो गई है।

मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि पीएम जन-मन योजना प्रदेश के 24 पीवीटीजी बहुल जिलों में संचालित है। इन पीवीटीजी बहुल जिलों में शिवपुरी जिले में 1 लाख 33 हजार 369, श्योपुर 95 हजार 593, शहडोल 69 हजार 832, उमरिया 69 हजार 460, अशोकनगर में 49 हजार 613, गुना 44 हजार 622, मंडला 32 हजार 952, ग्वालियर 30 हजार 386, डिंडोरी 28 हजार 147, सिंगरौली 25 हजार 374, छिंदवाड़ा 24 हजार 854, विदिशा जिले में 22 हजार 140, सीधी 20 हजार 312, बालाघाट में 17 हजार 365, अनूपपुर में 16 हजार 197, दतिया 7 हजार 406, जबलपुर 5 हजार 65, सिवनी 2 हजार 215, नरसिंहपुर 2 हजार 126, मुरैना 1 हजार 625, रायसेन 1 हजार 269, कटनी में 780, भिंड में 214 तथा मैहर जिले में 53 पात्र पीवीटीजी व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड तैयार कर हितग्राहियों को वितरित भी किये जा चुके हैं।

मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि मैहर, रायसेन, कटनी एवं भिंड जिले के शत-प्रतिशत पीवीटीजी हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड़ बना दिये गये हैं। बाकी 20 जिलों के शेष रह गये पीवीटीजी हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड भी जल्द से जल्द तैयार कर वितरित कर दिये जायेंगे।

आयुष्मान भारत (निरामयम) योजना में सभी को 5 लाख रूपये तक के नि:शुल्क उपचार का लाभ दिया जाता है। राज्य सरकार सभी पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड तैयार कर सबके नि:शुल्क स्वास्थ्य उपचार की दिशा में बेहद संवेदनशील होकर इस दिशा में प्रयासरत है।

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