पाकिस्तान में रोटी की जंग सड़कों पर आई, हजारों प्रदर्शनकारियों का चक्का जाम; दुकानें बंद: जनजीवन ठप

नई दिल्ली.

पड़ोसी देश पाकिस्तान में पहले से ही दो जून की रोटी के लिए तरस रहे लोगों पर कुठाराघात हुआ है। सरकार ने सब्सिडाइज्ड गेहूं की कीमतों में इजाफा कर दिया है। इससे गिलगिट बाल्टिस्तान  में नाराज हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। गुस्साए लोगों ने गिलगिट-बाल्टिस्तान के सभी जिलों और शहरों में सड़कों पर उतर कर ना सिर्फ चक्का जाम कर दिया बल्कि शहरों की सभी दुकानों को जबरन बंद करा दिया। इससे पूरे गिलगिट-बाल्टिस्तान में जनजीवन ठप हो गया है।
पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने गेहूं की कीमतों में इजाफा करने के खिलाफ बड़े पैमाने पर रैलियां आयोजित की हैं। प्रदर्शन की वजह से गिलगिट, स्कर्दू, डायमर, घाइजर, एस्टोर, शिघर, घांचे, खरमंग, हुंजा और नगर के विभिन्न इलाकों में दुकानें, बाजार, रेस्तरां और व्यापार केंद्र बंद रहे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों के चक्का जाम की वजह से निजी और सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में भी उपस्थिति कम दिखी और लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने और यात्रा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और होटल मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघों के परामर्श से अवामी एक्शन कमेटी ने हड़ताल का आह्वान किया है। सब्सिडी वाले गेहूं की कीमतें बढ़ाने के जीबी सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले एक महीने से चल रहे विरोध का यह दूसरा चरण है। एएसी ने घोषणा की है कि शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों और इलाकों से लोग  गिलगित और स्कर्दू की ओर मार्च करेंगे। शुक्रवार की नमाज के बाद डायमर के जिला मुख्यालय चिलास में सिद्दीक अकबर चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। वक्ताओं ने जीबी सरकार के अनुदानित गेहूं की दर बढ़ाने के फैसले की निंदा करते हुए इसे मुख्यमंत्री की विफलता करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो काराकोरम राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया जाएगा।
इस बीच, गिलगिट-बाल्टिस्तान के गवर्नर सैयद मेहदी शाह ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी से मुलाकात की और गेहूं सब्सिडी और अन्य मुद्दों सहित क्षेत्र की समग्र स्थिति पर चर्चा की है। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राज्यपाल से कहा कि उन्होंने कार्यवाहक प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाया है और उम्मीद है कि इसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा।

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