क्या महाराष्ट्र में बदलेगा सियासी गणित? शरद पवार के संपर्क में अजित गुट के 10-12 MLA

मुंबई

लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार के गठन की गहमागहमी के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी सियासी उथल-पुथल मचा हुआ है. अजित पवार, एनसीपी विधायकों और अन्य पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक अजित पवार गुट के 10 से 15 विधायक शरद पवार के संपर्क में हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द मंत्रिमंडल विस्तार चाहते हैं. फडणवीस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है, उनके पद पर बने रहने की संभावना है.

 राज्य में इस बार महाविकास अघाड़ी (MVA) ने बीजेपी की अगुवाई वीले महायुति को झटका देते हुए शानदार प्रदर्शन किया है. अनुभवी राजनेता शरद पवार जमीनी स्तर पर एनसीपी (SP) कार्यकर्ताओं का समर्थन बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं, उनके नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने प्रदेश में जिन 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 8 पर जीत हासिल की. उनकी पार्टी ने चुनाव में 80 परसेंट के स्ट्राइक रेट से बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीनियर पवार के पोते और करजत-जामखेड़ विधायक रोहित पवार ने कहा था, '(अजित पवार कैंप के) करीब 18 से 19 विधायक पार्टी में वापस आने में रुचि दिखा रहे हैं, लेकिन जो लोग मुश्किल समय में शरद पवार के साथ खड़े रहे, वो लोग उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं और पार्टी की प्राथमिकता रहेंगे।'

इधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल का कहना है कि ऐसे विधायकों को वापस लेने का फैसला शरद पवार ही लेंगे।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पाटिल ने कहा, 'लोकसभा परिणाम मंगलवार को आ चुके हैं और कुछ लोगों ने अपने फैसले के बारे में सोच विचार शुरू कर दिया है। हालांकि, हमने अब तक इस बारे में कोई विचार नहीं किया है। पार्टी शरद पवार से चर्चा करने के बाद कोई फैसला लेगी।' खास बात है कि लोकसभा चुनाव में अजित के खाते में सिर्फ एक ही सीट आई है।

क्या हो सकती है वजह
दरअसल, राज्य में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। साथ ही सीनियर पवार कैंप के टिकट पर नीलेंश लांके और बजरंग सोनवाने अहमदनगर और बीड लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। अब खास बात है कि लांके और सोनवाने दोनों ही नेताओं ने टिकट वितरण के दौरान अजित पवार छोड़कर सीनियर पवार के साथ जाने का फैसला किया था।

महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव 2024 में इसके उलट शरद पवार से अलग हो चुके उनके भतीजे और डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का प्रदर्शन एक तरह से खराब रहा. एनसीपी ने जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से सिर्फ एक पर जीत हासिल की और 25 फीसदी का स्ट्राइक रेट दर्ज किया. अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी केवल रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र में विजयी हुई, जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने अपने शिवसेना (यूबीटी) प्रतिद्वंद्वी अनंत गीते को हराया.

पश्चिमी महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी का कमाल

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी (SP) ने ज्यातार वो सीटें जीती हैं जो पश्चिमी महाराष्ट्र के तहत आती हैं. ये क्षेत्र शरद पवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता है. एनसीपी (SP) ने जिन आठ सीटों पर जीत दर्ज की है, उनमें बारामती भी शामिल है. इस सीट पर शरद पवार की बेटी और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच एक दिलचस्प लड़ाई देखी गई.

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस, जो 2019 के चुनावों में महाराष्ट्र में केवल एक लोकसभा सीट जीती थी, इस बार शानदार वापसी की है. पार्टी ने जिन 17 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 13 पर जीत हासिल की और करीब 75 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट दर्ज किया.

बीजेपी और शिवसेना ने कितनी सीटें जीती?

उधर, महाराष्ट्र में 28 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने केवल 9 सीटें जीतीं और 31 प्रतिशत की स्ट्राइक रेट दर्ज की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा और 7 पर जीत हासिल की, जिसका स्ट्राइक रेट 45 प्रतिशत रहा. दूसरी  उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुट ने 41 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट दर्ज किया. 21 सीटों पर उसने चुनाव लड़ा उनमें से केवल 9 पर जीत हासिल की.
 

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